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नेमी कुमार मुनिराज का सर्वप्रथम आहार


समाज सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया महोत्सव में गुरुवार को भगवान नेमी कुमार की दीक्षा के बाद प्रथम आहार क्रिया संपूर्ण समाज के बीच में आयोजित की गई। इसमें दर्शाया गया कि भगवान मुनिराज के रूप में जब नगर में भ्रमण करते हैं तो उनके तीसरे दिन आहार संपन्न होता है। इस आहार क्रिया में कई चौके लगाए गए, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। उन्होंने नेमिनाथजी को आहार कराया व तप, तपस्या का संकल्प लिया। दोपहर में भगवान का समवशरण बनाया गया, जिसे देखने के लिए और प्रश्न-उत्तर के लिए शामिल हुए समवशरण में दिव्यदेशना (प्रवचन) के माध्यम से भगवान अपना प्रथम प्रवचन देते हैं। इसमें देवी-देवता, स्वर्ग से सो धर्म इंद्र सहित इंद्र दरबार, कई देश के राजा-रानी, मुनि महाराज, मनुष्य के साथ-साथ त्रिरियंच गति के जीव एवं जानवर आदि शामिल होते हैं। सभी के प्रश्नों का उत्तर भगवान नेमिनाथ देते हैं। पंचकल्याणक में सभी के प्रश्नों का उत्तर समूह शरण में बैठकर मुनिश्री सुप्रभसागर महाराज आैर प्रणत सागर महाराज ने दिया। महामहोत्सव के अंतर्गत शुक्रवार सुबह 6 बजे से मंगल वाद्य, महामस्तकाभिषेक निर्वाण भूमि िगरनार गिरि पर भगवान का योग निरोध। सुबह 7.03 बजे से मोक्षगमन, नित्यमह पूजन, निर्वाण कल्याणक पूजन। 9 बजे से मुनिश्री के प्रवचन। सुबह 9.15 बजे से ध्वज विसर्जन, विश्व में जिनधर्म का जयघोष कराने वाली सुख, समृद्धि्, ऐश्वर्य प्रदान करने वाली श्रीजी की रथयात्रा परिक्रमा, मुनिश्री के प्रवचन व 11.13 बजे से नवनिर्मित मानस्तंभ वेदी में जिनराज स्थापना की जाएगी। सुबह के सत्र में नगर निगम आयुक्त रोशन सिंह और उपायुक्त आदित्य नागर टीम के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। उन्होंने व्यवस्थाएं देखी। समिति द्वारा उनका विशेष सम्मान किया गया। साथ ही किताब जिनेंद्र पूजांजलि का लोकार्पण किया। इसे पं. जिनेंद्र जैन ऋषिनगर ने लिखा है। आदिनाथ दिगंबर जैन चौबीसी मंदिर, ऋषिनगर में नवनिर्मित मानस्तंभ और अष्ट शिखर वेदियों में जिनबिंब स्थापना के लिए श्री मज्जिनेंद्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव मुनिश्री सुप्रभसागर के सान्निध्य में आयोजित किया जा रहा है।

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