top header advertisement
Home - उज्जैन << डा. मोहन यादव के मन में उज्जैन को महानगर बनाने की सोच

डा. मोहन यादव के मन में उज्जैन को महानगर बनाने की सोच


 धार्मिक पर्यटन नगरी ‘उज्जैन’ के विकास को लेकर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव का दृष्टिकोण (विजन) बिल्कुल स्पष्ट है। उनका मानना है कि ‘अगले कुछ वर्षों में उज्जैन, पड़ोसी शहर इंदौर और देवास से मिलकर एक महानगर के रूप में पहचान बनाएगा। उज्जैन विकास का विश्वस्तरीय रोल माडल बनेगा। भविष्य में उज्जैन की पहचान ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के साथ साइंस सिटी, इंडस्ट्रीयल और एजुकेशन हब के रूप में भी होगी।

श्री महाकाल महालोक’ बनने के बाद उज्जैन में प्रकार से पर्यटन, परिवहन, व्यापार-उद्योग में निवेश बढ़ रहा है उसे ध्यान में रख यहां एक अलग तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की आवश्ययकता है। अब आवास के लिए बहुमंजिला इमारतें, व्यापार-व्यवसाय के लिए विशाल माल बनाए जाने की आवश्यकता है।

डा. मोहन यादव के मन में उज्जैन को महानगर बनाने की सोच
कपड़ों पर बटिक प्रिंट के लिए देशभर में प्रसिद्ध यहां की भैरवगढ़ प्रिंट, यहां के कंकु, मेहंदी सहित अन्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की जरूरत है। सड़क सुरक्षा के लिए एलिवेटेड कारिडोर, रोप-वे, पुल बनवाने, पर्यावरण् सुधार के लिए इलेक्ट्रिक सिटी बसें, मेट्रो ट्रेन चलवाने को कदम बढ़ाने होंगे। इंदौर रोड, देवास रोड, आगर रोड, मक्सी रोड, कानीपुरा रोड से लगे कई गांवों को उज्जैन नगर निगम सीमा में शामिल कर नए वार्ड, नए जोन बनाए जाने जरूरत है।’

ये द्ष्टिकोण उन्होंने तीन महीने पहले 9 सितंबर को नानाखेड़ा में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा रखे नैवेद्य लोक के भूमि पूजन समारोह में व्यक्त किया था। यह भी कहा था कि ‘अब उज्जैन से ही इंदौर की पहचान है। अगले कुछ वर्षों में उज्जैन में सरकारी मेडिकल कालेज, एयर पोर्ट, रोप-वे, उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, मेडिकल डिवाइस पार्क बनने, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर का सैटेलाइट कैम्पस खुलने और विक्रम उद्योगपुरी में 38 उद्योगों का संचालन शुरू होने पर पूरा देश उज्जैन की ओर एक अलग नजर से देखेगा। परिभाषाओं से परे, मिसालों से जुदा ‘श्री महाकाल महालोक’ ने उज्जैन की धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक उन्नति का रास्ता खोल दिया है।’

Leave a reply