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MP के नए सीएम मोहन यादव के बारे में जानिए


उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक मोहन यादव मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। यादव ने 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1986 में उन्हें ABVP के विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई। यादव की छवि सड़क पर संघर्ष करने की रही है।

मोहन यादव को 2003 में पार्टी ने उज्जैन जिले की बड़नगर सीट से टिकट दिया था, लेकिन वहां कार्यकर्ताओं ने शांतिलाल धबाई को टिकट की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। यादव ने संगठन की बात को मानकर तत्काल टिकट लौटा दिया। इससे पार्टी में उनकी अलग छवि बन गई और उनका कद भी बढ़ गया।

उमा भारती मुख्यमंत्री बनीं तो उन्हें उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। बाद में उन्हें मप्र पर्यटन विकास निगम का चेयरमैन भी बनाया गया। 2013 में उज्जैन दक्षिण से पार्टी ने टिकट दिया और वे चुनाव जीत गए। 2018 में दूसरी बार विधायक चुने गए। 2 जुलाई 2020 को उन्हें शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया।

1965 में उज्‍जैन में पूनमचंद यादव और लीलाबाई के घर जन्‍मे मोहन यादव एमए, पीएचडी हैं।

उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक मोहन यादव मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। यादव ने 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1986 में उन्हें ABVP के विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई। यादव की छवि सड़क पर संघर्ष करने की रही है।

मोहन यादव को 2003 में पार्टी ने उज्जैन जिले की बड़नगर सीट से टिकट दिया था, लेकिन वहां कार्यकर्ताओं ने शांतिलाल धबाई को टिकट की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। यादव ने संगठन की बात को मानकर तत्काल टिकट लौटा दिया। इससे पार्टी में उनकी अलग छवि बन गई और उनका कद भी बढ़ गया।

उमा भारती मुख्यमंत्री बनीं तो उन्हें उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। बाद में उन्हें मप्र पर्यटन विकास निगम का चेयरमैन भी बनाया गया। 2013 में उज्जैन दक्षिण से पार्टी ने टिकट दिया और वे चुनाव जीत गए। 2018 में दूसरी बार विधायक चुने गए। 2 जुलाई 2020 को उन्हें शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया।

1965 में उज्‍जैन में पूनमचंद यादव और लीलाबाई के घर जन्‍मे मोहन यादव एमए, पीएचडी हैं।

मोहन यादव तलवारबाजी, लठ्ठ चलाने और कुश्ती के शौकीन हैं। वे राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं। म़ॉर्निंग वॉक और साइकिलिंग भी उनकी हॉबी में शामिल हैं। मुख्यमंत्री के रूप में अपने नाम के ऐलान के बाद मोहन यादव ने कहा- मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। प्यार और सहयोग के लिए पार्टी की स्टेट लीडरशिप और केंद्रीय लीडरशिप का बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाऊंगा।

वहीं, उनकी पत्नी सीमा यादव ने कहा- मेहनत का फल अच्छा होता है। हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है। भगवान महाकाल ने मेहनत का फल दिया है। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। बड़ा बेटा डॉ. अभिमन्यु यादव उर्फ कान्हा, बेटी डॉ. आकांक्षा और सबसे छोटा बेटा वैभव यादव है।

पिता पूनमचंद और मां लीलाबाई ने कहा- कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा मुख्यमंत्री बन जाएगा। यह माता और बाबा महाकाल की कृपा है। बहन कलावती यादव ने कहा कि मोहन ने बहुत संघर्ष किया है। वे जब भी उज्जैन आते थे तो महाकाल का दर्शन करने जरूर जाते थे।

विवादों से भी रहा है नाता, चुनाव आयोग ने लगाया था प्रतिबंध

मोहन यादव ने सीता माता को लेकर विवादित बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था, ‘मर्यादा के कारण राम को सीता को छोड़ना पड़ा। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामना करती रहीं। आज के दौर में यह जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।’

चुनाव आयोग ने 2020 उपचुनाव के दौरान मोहन यादव के प्रचार करने पर एक दिन का प्रतिबंध लगाया था। ये एक्शन असंयमित भाषा का उपयोग करने पर लिया गया था।

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