अंक कम मिलने से अस्पताल क्वालिफाई नहीं कर पाया
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड के मानकों पर संभाग का सबसे बड़ा जिला अस्पताल खरा नहीं उतरा है। अस्पताल को अंक कम मिले। ऐसे में वह क्वालिफाई नहीं कर पाया। यानी चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में जिला अस्पताल पिछड़ गया है। जिला अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग में संचालित इमरजेंसी कक्ष में मरीज का इलाज करने के दौरान ड्रेसर ने ब्लड लगी कैंची टेबल पर ही रख दी थी। उसने ड्रेस तक नहीं पहन रखी थी, जिसको लेकर एनक्यूएएस की टीम ने नाराजगी जताई थी।
इसके चलते उज्जैन जिला अस्पताल को अंक कम मिले और वह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में पिछड़ गया। दूसरी बड़ी वजह यह भी सामने आई है कि अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच में आपस में समन्वय नहीं होना व प्रॉपर एक-दूसरे से संपर्क नहीं रहना और सहयोग की कमी भी देखी गई। करोड़ों का बजट होने के बावजूद प्रशासन अस्पताल की आंतरिक व्यवस्थाओं को सुधारने में नाकाम रहा। यही वजह है कि अस्पताल प्रशासन उच्च स्तर की सेवाएं प्रमाणित नहीं कर पाया। ऐसे में उज्जैन स्वास्थ्य सेवाओं में पिछड़ गया। उज्जैन को पछाड़ते हुए मंदसौर जिला अस्पताल ने चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में स्थान पा लिया है।