शिप्रा नदी के रामघाट पर सुबह से लगी भक्तों की भीड़, शाम को शिप्रा नदी पर दीप दान
कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने शिप्रा नदी के रामघाट पहुंचे, यहाँ पर महिला पुरुषों ने स्नान ध्यान पूजन के बाद दान भी किया। शिप्रा नदी के घाट पर अल सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगाना शुरू हो गई थी। कार्तिक मास की पूर्णिमा सालभर में आने वाली 12 पूर्णिमाओं में विशेष महत्व रखती है। इसके विशिष्ट कारण यह हैं कि यह पूर्णिमा भगवान महा विष्णु के प्रबोधन के पांचवें दिन आती है।
कार्तिक मेला नही होने से निराश हुए ग्रामीण जन
कार्तिक पूर्णिमा पर परंपरा अनुसार शिप्रा तट पर मेला आयोजित होता है। मेले के पहले दिन पूर्णिमा का स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। इस बार चुनाव की आचार संहिता होने से मेले के लिए आयोग से अनुमति देरी से मिली। जिसके कारण कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाला मेला शुरू नही हो सका। लिहाजा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में मेला आयोजित नही होने से निराशा रही।
कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा नदी में सुबह स्नान के साथ ही शाम को दीपदान का भी पौराणिक महत्व है। मान्यता के अनुसार वैकुंठ चतुर्दशी पर पूर्वज वैकुंठ की ओर जाते है। रास्ते में रोशनी के लिए नदी में दीप छोड़े जाते है। इसी मान्यता के चलते सोमवार को संध्या के समय नदी के किनारों पर दीपदान किया जाएगा। शिप्रा में दीपक छोडऩे के लिए बाहर से भी लोग पहुंचते है।