आधी रात को गोपाल मंदिर पहुंचेंगे भगवान महाकाल
पौराणिक मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक जगत पालनकर्ता भगवान विष्णु राजा बलि के यहां पाताल लोक में विश्राम करने जाते हैं, इसलिए चार महीने तक संपूर्ण सृष्टि का भार भगवान शिव के पास होता है।
उज्जैन में आज बैकुंठ चतुर्दशी पर सृष्टि की सत्ता हस्तांतरण का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। रात करीब 11 बजे भगवान महाकाल की निकाली जाएगी। आधी रात को सवारी गोपाल मंदिर पहुंचेगी। यहां भगवान महाकाल सृष्टि का भार भगवान विष्णु को साैंपेंगे। यह परंपरा हरि-हर की माला बदलकर निभाई जाएगी।
इसे हरि-हर मिलन भी कहते हैं। गोपाल मंदिर पर भगवान महाकाल का स्वागत किया जाएगा। आतिशबाजी और लाइटिंग भी होगी।