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ग्रामीणों के ऊपर से दौड़ती हुई निकली गाय


उज्जैन से करीब से 76 किलोमीटर की दुरी पर स्थित बडनगर तहसील के ग्राम भिडावद मे सोमवार को अनूठी और रोगंटे खड़ी कर देने वाली आस्था देखने को मिली, गांव में सुबह गोरी का पूजन किया गया, पूजन के बाद ग्रामीण जमीन पर लेटे और उनके ऊपर से दौड़ती गाय को देख कई लोगो की साँसे थम गई। मान्यता है की ऐसा करने से गाँव में खुशहाली आती है। परम्परा के पीछे लोगो का मानना है की गाय में 33 कोटि के देवी देवताओ का वास रहता है और गाय के पैरो के नीचे आने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

बड़नगर तहसील के ग्राम भिडावद मे गोवर्धन पूजा पर सैकड़ो दौड़ती हुई गाय गाँव के लोगो को रोंदती हुई उनके ऊपर से निकली। दिवाली के दूसरे दिन पड़वा पर इस अनूठी परंपरा का निर्वहन कई वर्षों से होता आ रहा है। मन्नत पूरी होने पर ग्रामीण प्रत्येक वर्ष इस परंपरा में भाग लेते है। परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है इस परंपरा में उपवास रखने वाले ग्रामीण 5 दिन मंदिर में रहकर भजन-कीर्तन करते हुए मंदिर में ही रहते है और दिवाली के दूसरे दिन अल सुबह गायों के पूजन के बाद गाँव में जमीन पर लेट जाते हैं। इसके बाद गांव की एक दर्जन से अधिक गाय उनके ऊपर से एक साथ दौड़ती ही निकलती है ।

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