सोमवती अमावस्या का स्नान कराने को शिप्रा में छोड़ा जाएगा नर्मदा का स्वच्छ जल
सोमवती अमावस्या (13 नवंबर) का स्नान कराने को प्रदूषित शिप्रा नदी में नर्मदा का स्वच्छ जल छोड़ा जाएगा। इससे कुछ हद तक नदी के पानी की गुणवत्ता सुधरेगी। हालांकि ज्यादा सुधार इसलिए नहीं हो पाएगा क्योंकि शिप्रा में प्रदूषित कान्ह का पानी मिलना जारी रहेगा।
नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह ने शनिवार को दत्त अखाड़ा घाट पर पहुंच शिप्रा के पानी की स्थिति देखी। साथ रहे अफसर ने नदी का पानी बोतल में भरकर आयुक्त को बताया। इस पर आयुक्त ने कहा कि सोमवती अमावस्या का स्नान लोगों को स्वच्छ जल में कराने के लिए नर्मदा का पानी शिप्रा में छुड़वाओ।आयुक्त ने कम दबाव से हो रहे जल प्रदाय की समस्या का समाधान करने, लीकेज सुधारने के निर्देश भी दिए। इसके पहले उन्होंने महाकाल वाणिज्य केंद्र के रहवासियों से पानी की समस्या पूछी। सोमतीर्थ कुंड का भी निरीक्षण किया और स्नान के पर्याप्त बंदोबस्त करने के निर्देश दिए।
मालूम हो कि देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का सीवेज युक्त पांच क्यूमेक प्रदूषित पानी कान्ह नदी के रूप में उज्जैन आकर शिप्रा नदी (स्नान क्षेत्र) में त्रिवेणी घाट के समीप मिलता है। इससे शिप्रा का समूचा स्वच्छ जल भी दूषित हो जाता है।
ऐसा न हो, इसके लिए नहान क्षेत्र त्रिवेणी से कालियादेह महल तक पानी साफ ही रखने के लिए साल 2016 में 100 करोड़ रुपये खर्च कर राघोपिपल्या गांव से कालियादेह महल के आगे तक भूमिगत पाइपलाइन बिछाई थी, मगर ये योजना पूरी तरह सफल न हो पाई।