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धनतेरस की आतिशबाजी में ही प्रदूषण का स्तर 260 एक्यूआई के पार हुआ


दीपावली पर्व कल 12 नवंबर रविवार को मनाया जाएगा। दीपावली की रात खूब पटाखे फूटेंगे और आतिशबाजी होगी लेकिन इसके 2 दिन पहले धनतेरस की रात हुई आतिशबाजी के कारण शहर वायु गुणवत्ता का सूचकांक 261 एक्यूआई तक पहुँच गया, जो इस बात का इशारा कर रहा है कि दीपावली के 2 दिन पहले ही शहर की हवा में प्रदूषण का जहर घुल गया है।
डब्ल्यूएचओ की गाईड लाईन के मुताबिक किसी भी शहर में लगे वायु गुणवत्ता सूचकांक पर 50 से कम एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) को स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है और इससे अधिक हानिकारक होता है । बता दें कि गत वर्ष दीपावली पर्व पर सुप्रीम कोर्ट ने आतिशबाजी को लेकर गाईड लाईन जारी की थी। बावजूद इसके दीपावली पर पिछले साल लोगों ने फटाखे फोड़े थे और वायु का प्रदूषण
सूचकांक 50 एक्यूआई से बढ़कर 273 तक पहुंच गया था। इधर दो सप्ताह पहले तक उज्जैन शहर की आबोहवा में प्रदूषण का स्तर 100 एक्यूआई के दर्ज हो रहा था, लेकिन हालेश्वर चौराहे पर लगे प्रदूषण का स्तर बताने वाले मापक यंत्रों पर धनतेरस की रात 11 बजे के दरमियान महाकाल क्षेत्र की वायु गुणवत्ता का सूचकांक 261 एक्यूआई बता रहा था और आगर रोड पर भी यह 260 था। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाईड लाईन के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक का लेबल 50 से कम हो तो इसे स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है। जबकि 100 तक का स्तर संतोषजनक और इससे अधिक होने पर हानिकारक और 200 से अधिक होने पर खतरनाक माना जाता है। कुल मिलाकर दीपावली के 2 दिन पहले ही शहर की हवा में प्रदूषण बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि उज्जैन में ओजोन गैस का स्तर 60 और धूल के कणों का स्तर 100 तक होना चाहिए।
3 से 4 दिन लगेंगे सामान्य होने में इस बार दीपावली से 2 दिन पहले ही शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के पीछे मुख्य बड़े कारणों में विगत पांच साल से संपूर्ण शहर में चल रहे सीवेज लाईन बिछाने तथा बीते 3 वर्षों से महाकाल लोक के प्रचलित कार्य है। वहीं धनतेरस की रात खूब आतिशबाजी हुई इसके कारण आज सुबह महाकाल मंदिर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर रात में 261 और आगर रोड क्षेत्र का 260 एक्यूआई तक पहुँच गया था, जो वायु की स्थिति का सूचक है। बारिश में खराब हुई गुणवत्ता के हिसाब से चिंताजनक वायु प्रदूषण सड़कों का पेंचवर्क भी खासकर महाकाल मंदिर क्षेत्र में नहीं होने से दिन-रात धूल उड़ रही है। शहर में वाहनों की तादाद भी बढ़ गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उज्जैन की हवा सामान्य होने में दीपावली के बाद भी तीन-चार दिन का समय लगेगा।

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