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झूला व्यापारी आ गए लेकिन मेला लगेगा कि नहीं तय नहीं


26 नवम्बर से परंपरानुसार कार्तिक मेला लगना है लेकिन अभी नगर
निगम का पूरा अमला तथा
अधिकारी चुनाव में लगे हैं। यह तो संभावना है कि मेला लगेगा लेकिन कोई स्पष्ट आदेश नहीं हैं ऐसे में बाहर से झूले वाले भी आ गए हैं और उन्होंने अपना सामान रख दिया है।
चुनाव आचार संहिता के कारण कार्तिक मेला आयोजन को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। इस बीच झूला व्यवसायियों ने जमीन आवंटन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था का विरोध जताते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है और वहां से आदेश का इंतजार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चुनाव आचार संहिता के बीच इस बार कार्तिक मेला आयोजन को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। हालांकि संबंधित विभाग ने मेले के आयोजन के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है। सरकारी विभाग अब अनुमति का इंतजार कर रहा है। यदि अनुमति मिल जाती है तो मेला लगेगा अन्यथा इस बार लोग मेला नहीं लग पाएगा। शिप्रा किनारे कार्तिक मेला ग्राउंड पर यह मेला हर साल लगता है जो कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होता है। लेकिन इस बार नवंबर में चुनाव होना है। इसके लिए वर्तमान में आचार संहिता चल रही है। लेकिन चुनाव आयोग यदि इसकी विशेष अनुमति जारी करता है तो फिर कुछ नियम व शर्तों के
साग सकता हैं। निगम अधिकारियों के मुताबिक मेला ग्राउंड के खेत में रखा झूला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा हैं। व्यापारियों का सामान ।
स्पीड पोस्ट से भेजा निर्वाचन आयोग को पत्र ... नगर निगम ने इस बार कार्तिक मेला आयोजन के लिए मेला क्षेत्र में | लगने वाली सभी तरह की 800 से अधिक दुकानों के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन की है। वही 22 झूलों के लिए भी भूमि आवंटन ऑनलाइन ही होना है।
झूला व्यवसायी अब्दुल अज़ीज़ जैदी, अशोक, हाजी अब्दुल हमीद मेंहदी अफजल, आजाद खां, रफीक अनजाना ने बताया कि इस व्यवस्था से गत वर्ष भी विवाद हुए थे और अन्य लोगों ने ऊंचे भाव में ऑनलाइन आवेदन
कर जमीन ले ली थी और बाद में इसे व्यवसाययों को महंगे दामों पर बेची थी। इस व्यवस्था को ऑनलाइन करने तथा मेला आयोजन की अनुमति के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजा है। वहां से आदेश का इंतजार किया जा रहा है।

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