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प्याज के दाम 70 रुपए किलोग्राम पहुंचे


रसोई में सब्जियों का जायका बढ़ाने के साथ ही खाने की थाली तक में सजने वाला प्याज अब आम आदमी की थाली से दूर होता जा रहा है। एक्सपोर्ट ड्यूटी 40 प्रतिशत होने के बावजूद भी देश से बाहर प्याज की सप्लाई होने की वजह से हमारे यहां ही प्याज के स्टॉक में भारी कमी आ गई है। इसका सीधा असर प्याज के दाम पर पड़ा है। इसी वजह से 10 से 15 दिनों के भीतर ही प्याज के भाव दोगुना से भी ज्यादा बढ़ गए हैं। व्यापारियों की मानें तो आने वाले दिनों में प्याज के दाम 100 रुपए किलोग्राम तक भी पहुंच सकते हैं।

प्याज के व्यापारी राहुल बिड़वान ने बताया ज्यादातर प्याज बाहर सप्लाई हो गया है, जिसकी वजह से बाजार में प्याज की कमी आ गई है। खेरची बाजार में अच्छी क्वालिटी के प्याज के दाम करीब 15 दिनों के भीतर ही 30 से 35 रुपए किलोग्राम से बढ़कर 70 रुपए किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। थोक में इसके दाम 50 से 52 रुपए किलोग्राम हैं। वहीं मीडियम क्वालिटी का प्याज भी बाजार में अब 50 से 60 रुपए किलोग्राम तक बिक रहा है। इसके दाम कुछ दिनों तक पहले तक 25 से 30 रुपए किलोग्राम थे। थोक में इसके भाव 45 से 50 रुपए किलोग्राम हो गए हैं। व्यापारी लखन माली का कहना है कि बाजार में बेहतर क्वालिटी का प्याज 80 रुपए किलोग्राम तक बिक रहा है। स्टॉक खत्म होने के कारण प्याज में यह मंदी आई है, जिसकी वजह से दाम बढ़े हैं। दामों में यह तेजी से लगभग 20 से 25 दिनों तक बनी रहने की संभावना है।

इधर इस समय उज्जैन की थोक मंडी चिमनगंज में 5 हजार कट्टे की आवक में भाव 51 रुपए प्रति किलो बोले गए। इस प्रकार के भाव से फुटकर मार्केट में भी भाव में तेजी आ गई। प्याज के व्यापारी जितेंद्र सिद्धवानी ने बताया प्याज के भाव में उछाल का मुख्य कारण देश से बाहर प्याज भेजना है। प्याज का स्टॉक अब नाम मात्र का ही रह गया है। विश्व में प्याज उत्पादन में भारत देश नंबर वन है। मालवा में उज्जैन और शाजापुर क्षेत्र में प्याज की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। मालवा का तीखा प्याज देशभर में पसंद किया जाता है। उज्जैन-शाजापुर में इसकी बोवनी ज्यादा होती है। गांव छीतरदेवी के किसान करण सिंह पटेल ने बताया प्याज की खेती में किसान कभी कम तो कभी ज्यादा दाम प्राप्त करता है।

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