सिंहस्थ मेला क्षेत्र के विकास को लेकर की गई समीक्षा बैठक, कार्य योजना पर दिए गए निर्देश
सिंहस्थ मेला क्षेत्र के विकास को लेकर की गई समीक्षा बैठक, कार्य योजना पर दिए गए निर्देश
उज्जैन: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर सिंहस्थ मेला क्षेत्र के स्थाई निर्माण कार्यों की योजना बनाने के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र के विकास कार्यों पर विस्तृत चर्चा की और कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
स्थाई संरचनाओं पर विशेष ध्यान: डॉ. राजौरा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए आश्रम, पार्किंग, धर्मशाला, भोजनशाला, प्रवचन हॉल, सीवरेज लाइन, रोड और वॉटर सप्लाई जैसे महत्वपूर्ण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में नगर विकास योजना तैयार की जाएगी, और जून 2025 से इन कार्यों की शुरुआत युद्ध स्तर पर की जाएगी।
जल आपूर्ति और सीवरेज नेटवर्क: सिंहस्थ मेला क्षेत्र में जल आपूर्ति और सीवरेज नेटवर्क को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। मेला क्षेत्र में 200 एमएलडी पेयजल क्षमता का विकास किया जाएगा, और 160 एमएलडी का सीवरेज जनरेशन होगा। इसके अलावा 100 एमएलडी क्षमता के स्थाई एसटीपी का निर्माण भी किया जाएगा। इस परियोजना की डीपीआर 15 अप्रैल तक तैयार कर ली जाएगी और निर्माण कार्य जून 2025 से प्रारंभ होगा।
स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाएं: सिंहस्थ के दौरान स्वच्छता व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। सिंहस्थ के लिए 16,220 सफाई कर्मियों की आवश्यकता होगी और लगभग 379 कचरा गाड़ियां भी लगाई जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 500 अस्थाई अस्पताल और केम्प लगाए जाएंगे, और आपदा प्रबंधन के लिए एक मजबूत योजना बनाई जाएगी।
सिंहस्थ 2028 के लिए स्मार्ट सिटी के कार्य: सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर स्मार्ट सिटी से संबंधित कार्यों की भी समीक्षा की गई। आईटीएमएस जंक्शन सिस्टम, फेस रिकग्नीशन, एलर्ट सिस्टम और फायर अलार्म जैसे सॉफ्टवेयर 31 दिसंबर 2025 तक तैयार कर लिए जाएंगे। इसके अलावा, सिंहस्थ के दौरान वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था के लिए ऑनलाईन डाटा तैयार किया जाएगा और एक विशेष ऐप भी विकसित किया जाएगा।
पर्यटन विकास कार्यों की समीक्षा: सिंहस्थ मेला क्षेत्र के पर्यटन के दृष्टिकोण से किए जाने वाले कार्यों पर भी चर्चा की गई। इसमें महाराजवाड़ा हेरिटेज होटल, ओमकार सर्किट, पंचक्रोशी यात्रा मार्ग के पडावों का विकास, और श्री कृष्ण पाथेय न्यास द्वारा श्री कृष्ण सुदामा मंदिर के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
महाकाल मंदिर के विकास कार्यों की समीक्षा: सिंहस्थ मेला के प्रमुख स्थल महाकाल मंदिर के विकास कार्यों की भी समीक्षा की गई। इसमें मंदिर परिसर में स्टोन क्लेडिंग, न्यू वेटिंग हॉल, और फ्लोरिंग कार्यों पर जोर दिया गया। इसके अलावा, महाकाल कॉरिडोर, टनल और अन्य निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया जाएगा।
सिंहस्थ मेला क्षेत्र के निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश: डॉ. राजौरा ने निर्देश दिए कि सभी परियोजनाओं में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और निर्धारित समयावधि में इन्हें पूर्ण किया जाए। साथ ही, सभी विभागों को इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सिंहस्थ महापर्व 2028 तक सभी आवश्यक सुविधाएं और संरचनाएं पूरी तरह से तैयार हो सकें।
स्थल निरीक्षण: सिंहस्थ निर्माण कार्यों की प्रगति की जांच करने के लिए डॉ. राजौरा ने स्थल निरीक्षण का कार्यक्रम निर्धारित किया है। निरीक्षण की शुरुआत महाकाल मंदिर से होगी, जिसके बाद महाकाल कॉरिडोर, टनल, और मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को दर्शन की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया जाएगा।
यह बैठक सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है, क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि मेला क्षेत्र में सभी आवश्यक सुविधाएं और संरचनाएं समय पर पूरी हों।