चंद्र ग्रहण के बाद महाकाल मंदिर का शुद्धिकरण
चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद रविवार सुबह पुजारियों ने परंपराओं के अनुसार महाकाल मंदिर का पवित्र नदियों के जल से शुद्धिकरण किया। पूरे मंदिर परिसर को धोने के लिए फायर फाइटर की मदद ली गई। मंदिर के अग्र भाग सहित नंदी हाल गर्भगृह गणेश मंडपम सहित पुरे परिसर को शुद्ध किया गया। शुद्धिकरण के बाद पंडितों और पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक और दूध,दही, घी,शक़्कर फलों के रस से बने पंचामृत पूजन किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। बड़ी संख्या में भक्त महाकाल के दर्शन को पहुंचे।
चंद्रग्रहण रात 1.05 बजे शुरू हुआ था, 2 बजकर 24 मिनट पर खत्म हुआ। ग्रहण का वैधकाल प्रारंभ होने के बाद शनिवार शाम से महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भगवान को जल चढ़ाना या स्पर्श करना वर्जित रखा गया था। ग्रहण काल के वैधकाल में गर्भगृह के पट बंद नहीं किए गए थे। भक्तों को बाहर से दर्शन कराए गए। जबकि सांदीपनि आश्रम सहित कई मंदिरों के पट बंद ग्रहण काल में बंद रखे गए थे ।