ठंड का मौसम शुरू होने के बाद बाबा महाकाल की दिनचर्या में भी परिवर्तन हो जाता है
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में कार्तिक मास में ठंड का मौसम शुरू होने के बाद बाबा महाकाल की दिनचर्या में भी परिवर्तन हो जाता है। मंदिर में रोज होने वाली भगवान की आरती का समय रविवार 29 अक्टुबर को कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से परिवर्तित हो जाएगा। यह व्यवस्था कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन पूर्णिमा तक रहेगी।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष भगवान महाकाल की दिनचर्या में दो बार बदलाव होता है। मंदिर की परंपरा के अनुसार ठंड का मौसम शुरू होने पर कार्तिक मास में व गर्मी का मौसम शुरू होने पर फाल्गुन मास में मंदिर में होने वाली आरती का समय बदलता है। वहीं भगवान को स्नान कराने की प्रक्रिया भी बदल जाती है। गर्मी व वर्षा ऋतु में मंदिर में होने वाली सुबह की दो आरती जल्दी व शाम की आरती देर से होती है।श्री महाकालेश्वर मंदिर में 10 नवंबर को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित चिकित्सालय में भगवान श्री धनवंतरी का पूजन किया जाएगा। वहीं इस दिन मंदिर के पुरोहित समिति द्वारा भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन किया जाएगा। इसी तरह 12 नवंबर कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को श्री महाकालेश्वर भगवान को अभ्यंग स्नान करवाया जाएगा तथा इसी दिन से भगवान को गर्म जल से स्नान प्रारंभ होगा, जो फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक चलेगा। 12 नवंबर को ही भगवान की प्रात: 07:30 बजे होने वाली आरती में मंदिर प्रबंध समिति की ओर से अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा। शाम को दीपोत्सव पर्व मनाया जाएगा ।