शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण के चलते महाकाल मंदिर में बाहर से होंगे दर्शन
शरद पूर्णिमा पर 28 अक्टूबर को खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। रात एक बजकर पांच मिनट पर चंद्र ग्रहण की शुरुआत होगी। रात एक बजकर 44 मिनट पर ग्रहण का मध्य रहेगा। रात 2 बजकर 24 मिनट पर ग्रहण का मोक्ष होगा। ग्रहण का सूतक शाम 4 बजकर 13 मिनट से लगेगा। ग्रहण के चलते शहर के मंदिरों में दर्शन पूजन की व्यवस्था में बदलाव होगा। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में पट खुले रहेंगे। हालांकि भक्तों को गणेश मंडपम से भगवान के दर्शन होंगे।
पं.महेश पुजारी ने बताया महाकाल मंदिर की परंपरा में ग्रहण के सूतक के दौरान गर्भगृह के पट बंद नहीं किए जाते हैं। इस दौरान भक्तों को बाहर से भगवान के दर्शन होंगे। रात को जिस समय चंद्रग्रहण होगा, उस समय तक भगवान का शयन हो जाएगा तथा मंदिर के पट बंद रहेंगे।अगले दिन तड़के 4 बजे भस्म आरती के लिए मंदिर के पट खुलेंगे तब मंदिर को धोकर शुद्ध किया जाएगा। इसके बाद भस्म आरती होगी। मंगलनाथ व अंगारेश्वर महादेव मंदिर में ग्रहण के वेधकाल अर्थात सूतक के चलते शाम 4 बजे से पहले भातपूजा बंद कर दी जाएगी।
मंदिर प्रशासक कृष्ण कुमार पाठक ने बताया मंगलनाथ व अंगारेश्वर महादेव मंदिर में ग्रहण के चलते विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। मंदिर में सुबह 7 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक ही भातपूजा होगी। इसके बाद गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा। दर्शनार्थियों को जानकारी देने के लिए मंदिर कार्यालय के बाहर सूचना भी चस्पा की जा रही है।