अमृतसिद्धि योग में करवाचौथ का पर्व, रात 8.22 बजे होगा चंद्रोदय
ज्योतिर्विद पं.आनंदशंकर व्यास ने बताया बुधवार के दिन अमृतसिद्धि योग में करवाचौथ का व्रत सुख, सौभाग्य की दृष्टि से विशेष है। बुधवार का दिन भगवान गणेश की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। चौथ के व्रत में विशेष रूप से भगवान गणेश व चौथ माता के पूजन का विधान है। अमृत सिद्धि योग में की गई पूजा सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करने वाला माना गया है। इस योग में भगवान गणेश व चौथ माता की पूजा से यश, कीर्ति व सफलता मिलती है।
पंचांगीय गणना से इस बार 1 नवंबर बुधवार के दिन अमृतसिद्धि योग में करवाचौथ का व्रत रहेगा। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से निर्जल निराहार व्रत रखेंगी। रात्रि 8 बजकर 22 मिनट पर चंद्रोदय के पश्चात चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान कर पति के हाथों करवे से जल पीकर व्रत को पूर्णता प्रदान की जाएगी। भगवान गणेश व चौथ माता का पूजन होगा।करवाचौथ पर चिंतामन गणेश मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगेगा। पं.शंकर पुजारी ने बताया बुधवार के दिन करवाचौथ होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। पर्व विशेष पर तड़के 4 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। पश्चात भगवान चिंतामन गणेश का पंचामृत अभिषेक कर पूजा अर्चना की जाएगी। भगवान गणेश का पूर्णस्वरूप में श्रृंगार कर छप्पन पकवानों का भोग लगाया जाएगा। तड़के 4 बजे से रात 10 बजे तक भक्तों को भगवान के दर्शन होंगे। महापर्व पर मंदिर में आकर्षक पुष्प सज्जा होगी। मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।