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लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिये विभागीय लेखा प्रशिक्षण 1 दिसम्बर से


उज्जैन 25 अक्टूबर। संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा जानकारी दी गई कि
मप्र शासन/नगर निगम/नगर परिषदों के लिपिकवर्गीय कर्मचारियों के लिये विभागीय लेखा प्रशिक्षण
सत्र एक दिसम्बर 2023 से 15 फरवरी 2024 (10 सप्ताह) तक लेखा प्रशिक्षण शाला में आयोजित
किया जायेगा। इस सम्बन्ध में समस्त संभागीय/जिला के कार्यालय के कार्यालय प्रमुख को सूचना दी
गई है कि वे उनके कार्यालय में पदस्थ अप्रशिक्षित लिपिकवर्गीय कर्मचारियों के आवेदन-पत्र निर्धारित

प्रारूप में सम्बन्धित कार्यालय प्रमुख के माध्यम से सीधे प्राचार्य लेखा प्रशिक्षण शाला इस्कॉन मन्दिर
के पास भरतपुरी को प्रेषित कर सकते हैं।
प्रशिक्षण के लिये पात्रता की शर्तों के अनुसार लिपिकवर्गीय कर्मचारी की नियमित सेवा अवधि
एक वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। सेवा शर्त के अनुक्रम में मप्र शासन शीघ्रलेखन एवं मुद्रलेखन परीक्षा
परिषद से हिन्दी मुद्रलेखन परीक्षा/एमपीएसईडीसी से सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
मप्र शासन के नियमित लिपिकवर्गीय कर्मचारियों के लिये कोई प्रशिक्षण शुल्क देय नहीं है,
जबकि अर्द्धशासकीय, निगम एवं मण्डल कार्यालयों में पदस्थ नियमित पात्र कर्मचारियों को प्रशिक्षण
हेतु नामांकित होने पर राशि रुपये दो हजार प्रशिक्षण शुल्क लेखा शीर्ष 0070-60-800-0000 अन्य
प्राप्तियों में जमा करना अनिवार्य होगा। मप्र शासन के वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक 56 दिनांक 30
मई 2016 के अनुसार विभागीय लेखा परीक्षा 60 प्रतिशत या उससे अधिक अंकों से उत्तीर्ण होने पर
एक अग्रिम वेतन वृद्धि दिये जाने का प्रावधान है। आवेदन-पत्र 24 नवम्बर 2023 को शाम 5 बजे
तक प्राप्त किये जायेंगे। प्रस्तावित प्रशिक्षण सत्र में क्षमता से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर आवेदन-
पत्र प्राप्ति की वरियता के अनुसार (पहले आओ-पहले पाओ के सिद्धांत पर) आवेदन स्वीकार किये
जायेंगे और शेष आवेदकों को आगामी सत्र में प्राथमिकता दी जायेगी। लेखा प्रशिक्षण शाला में प्रवेश
एवं परीक्षा तथा अग्रिम वेतन वृद्धि के सम्बन्ध में शासन द्वारा समय-समय पर जारी नियम/निर्देश
मान्य होंगे।

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