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पीपीपी मॉडल पर तैयार होगा प्लांट


कचरे से कमाई के कॉन्सेप्ट पर निगम बड़ा काम करने जा रहा है। पहली बार निगम कचरे से कंप्रेस्ड बॉयो गैस बनाने के प्लांट पर काम कर रहा है। इसे पीपीपी मॉडल के तहत डेवलप किया जाएगा। इसमें गीले कचरे से यह गैस बनेगी और फिर इसकी एजेंसी इसे गैल जैसी कंपनी को बेच सकेगी। साथ ही शहर में इसके प्लांट लगाने पर भी विचार किया जाएगा।

बताया जाता है कि क्वालिटी के मामले में सीएनजी का उन्नत रूप होती है सीबीजी यानी कंप्रेस्ड बॉयो गैस। 30 करोड़ रुपए की लागत से गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 7 एकड़ में यह प्लांट लगाया जाएगा। शहर से प्रतिदिन 230 टन कचरे में 60 प्रतिशत गीला एवं 40 प्रतिशत सूखा कचरा होता है, जिसे शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर गोंदिया ग्राम स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में वाहनों से भेजा जाता है।

प्लांट का वर्तमान में जो कंपनी संचालन कर रही है, जिसे सालाना एक करोड़ रुपए दिए जाते हैं, जिससे कंपनी उक्त कचरे से जैविक खाद बनाती है। इस योजना के आने से नगर निगम का सालाना 1 करोड़ रुपए बचेगा और बायोगैस बनाने वाले कंपनी से एक अच्छी आय भी निगम को प्राप्त होगी।

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