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विधिमान्य नाम निर्देशन हेतु आवश्यकताएं संक्षिप्त में


उज्जैन 19 अक्टूबर। संवीक्षा तिथि को अभ्यर्थी को अर्हित होना चाहिये और निर्हरित नहीं होना चाहिए।
नामनिर्देशन पत्र निर्धारित प्ररूप में एवं सभी दृष्टि से पूर्ण भरा हुआ होना चाहिए। नाम निर्देशन पत्र
पर निर्धारित संख्या में मतदाताओं द्वारा प्रस्तावित व हस्ताक्षरित होना चाहिए। नाम निर्देशन पत्र

अभ्यर्थी द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए। निक्षेप की राशि जमा होने के प्रमाण स्वरूप रसीद। यदि
अभ्यर्थी आरक्षित क्षेत्र से निर्वाचन में है तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र की प्रति।
यदि अभ्यर्थी अन्य निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचक है तो वर्तमान प्रचलित नामावली की भाग की प्रमाणित
प्रति संलग्न करे। यदि शासकीय सेवा से बर्खास्त किया गया व बर्खास्तगी को 5 वर्ष की अवधी
व्यतीत नहीं हुई हो तो ईसीआई का प्रमाण पत्र। फार्म 26 में पूर्ण भरा हुआ शपथ-पत्र। प्रतिज्ञान या
शपथ नामनिर्देशन पत्र प्रस्तुत करने के उपरांत व संवीक्षा तिथि से पूर्व अर्धरात्रि तक सक्षम
प्राधिकारी के समक्ष लेने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि राजनैतिक दल द्वारा खड़ा किया
गया हो तो फार्म ए एवं बी नामनिर्देशन की अन्तिम तारिख व समय से पूर्व तक।

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