व्यापारियों ने कोर्ट के आदेश की कॉपी दिखाई तो अफसरों ने फेंक दी, कहा- हमें काम करने दो
नगर निगम ने रविवार को मक्सी रोड पर जाल सेवा की रोड से लगी दुकानों को जेसीबी से हटाने की कार्रवाई की। दो दिन से चल रही कार्रवाई की सुगबुगाहट के बीच निगम की टीम अचानक पुलिस बल के साथ पहुंच गई। दो घंटे समिति के पदाधिकारियों, व्यापारियों और निगम के अफसरों के बीच चली बहसबाजी के बाद कोई निर्णय नहीं निकल सका।
अफसरों को जब व्यापारियों ने कोर्ट के आदेश की एक कॉपी दी तो अफसरों ने उसे फाड़ कर फेंक दिया, कहा कि हमें हमारा काम करने दो। महिलाएं निगम की कार्रवाई के विरोध में सड़क पर बैठ गई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर रोड से हटाया। इसके बाद निगम की जेसीबी ने रोड साइड का अतिक्रमण हटा दिया।
निगम का अमला रविवार को मक्सी रोड स्थित जाल सेवा समिति की जमीन पर हुए कब्जे को हटाने पहुंचा था। कुछ दुकानदारों ने कोर्ट में लगाए आवेदन के आधार पर कार्रवाई रोकने की मांग की। तीन घंटे चले घटनाक्रम के बाद दोपहर में निगम की जेसीबी ने कार्यवाही शुरू कर दी। निगम रोड की ओर लगी करीब 33 दुकानें हटाने पहुंचा। जोन अधिकारी जगदीश प्रसाद मालवीय से कोर्ट में आवेदन लगाने का हवाला देते हुए कार्यवाही रोकने की मांग की लेकिन अफसर नहीं माने। तहसीलदार रूपाली जैन, सीएसपी दीपिका शिंदे पहुंचीं, यहां गुस्साए लोगों को समझाइश के बाद हटाया गया। अपर आयुक्त पाठक ने बताया कि कोर्ट से जो आदेश हुआ है।
उसमें 13 व्यक्ति पक्षकार हैं, उसमें कोर्ट ने कहा कि बिना उनको विधिसम्मत सूचना दिए कार्रवाई नहीं की जाए, जो कोर्ट का निर्णय है उसका पालन करेंगे और जो पूर्व में न्यायालय के निर्देश हुए हैं, उसमें अतिक्रमण मुक्त करना है। हालांकि प्रशासन ने दुकानों के शेड तोड़कर अपना कब्जा ले लिया है। ट्रस्ट के संचालक धीरेंद्रसिंह चौहान और कैलाश परमार ने बताया कि कोर्ट में आदेश हुआ है कि एक हिस्से को छोड़कर नक्शे में जिस पर पीला निशान है।
उस पर विधिवत कार्रवाई करें। लेकिन निगम के अधिकारी गुंडागर्दी कर रहे हैं और हमारी जमीन से सभी को हटा दिया। यह गलत तरीका है। कुछ लोग कोर्ट से स्टे भी लेकर आए हैं, जिसे हमने निगम के अधिकारियों को दिखाया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं। कोर्ट के आदेश में भी ऐसा कहीं नहीं है कि सभी को हटा दिया जाए। निगम के अफसरों ने आचार संहिता का दुरुपयोग करते हुए सभी लोगों का व्यापार छीन लिया।
इधर, पीड़ित पक्ष की हिमांशी चौहान ने बताया कि कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि अगामी पेशी दिनांक तक कब्जा लेने की कार्रवाई न करें लेकिन अपर कलेक्टर मृणाल मीणा को यह कॉपी दी गई तो उन्होंने फाड़ कर फेंक दी। निगम के जोन अधिकारी जगदीश मालवीय को घर पर ले जाकर कॉपी दी लेकिन उन्होंने कॉपी नहीं ली और भगा दिया। आचार संहिता में अधिकारी कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहें। यह कोर्ट की अवमानना है।