कचरे से बायोगैस बनाने का प्लांट, अब जल्द ही उज्जैन में शुरू होगा।
उज्जैन नगर निगम अब वेस्ट से बेस्ट बनाने की प्रक्रिया अपना कर कचरे से बायो cng गैस बनाएगी। जो गैस बनेगी उससे निगम के इक्कठा किये हुए कचरे का ट्रीटमेंट कर प्रबंधन तो होगी ही साथ ही इससे निगम की आय भी होने लगेगी। यह प्रदेश का इस तरह का दूसरा प्लांट होगा। इस कार्य के लिए तीन कम्पनी निगम से सम्पर्क कर चुकी है। अब जल्द प्लांट लगने के बाद उज्जैन में भी कचरे से बायो गैस बनने लगेगी।
उज्जैन नगर निगम के कमिश्नर रोशन सिंह ने बताया कि कचरे का प्रबंधन कर उससे आय की जाएगी। इसके लिए गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड में बायो गैस प्लांट लगाने की कवायद शुरु हो गई है। इससे कचरे के निपटारे पर सालाना लगने वाला करीब एक करोड़ रुपए निगम का बचेगा। बायोगैस सीएनजी का प्लान डालने के लिए भारत पेट्रोलियम, गेल इंडिया और NTPC कंपनी से बात चल रही है। जो निगम को ज्यादा आय देगा उसको फाइनल कर आगामी 6 माह में प्लांट बनाकर तैयार कर इसकी शुरुआत कर दी जाएगी।
कितना कचरा निकलता है प्रतिदिन कैसे होगा इसका निपटारा-
निगम कमिश्नर रोशन सिंह ने बताया कि उज्जैन शहर में प्रतिदिन क़रीब 230 टन कचरा निकलता है। जिसमें 60 प्रतिशत गिला और 40 प्रतिशत सूखा होता है। जिसे शहर से करीब 20 किमी दूर गोंदिया ग्राम में वाहनों से भेजा जाता है। फिलहाल कचरा के निपटारे के लिए एक कंपनी को 2025 तक का ठेका दे रखा है कंपनी सालाना एक करोड रुपए लेकर उक्त कचरे से जैविक खाद बनती है। इस योजना से निगम का सालाना एक करोड रुपए बचेगा और बायोगैस बनाने वाली कंपनी से भी मोटी आए होगी। कचरे से बायोगैस बनाने का प्लांट फिलहाल सिर्फ इंदौर में है। अब जल्द ही उज्जैन में शुरू होगा।