इंदौर रोड को सिक्सलेन करने के लिए फिजिबिलिटी सर्वे शुरू
धर्मधानी उज्जैन को जोड़ने वाले छह प्रमुख मार्गों में सबसे ज्यादा दुर्घटना उज्जैन-इंदौर फोरलेन सड़क पर हो रही है। यही वो मार्ग है जिस पर उज्जैन में ‘श्री महाकाल महालोक’ बनने के बाद सर्वाधिक यातायात का दबाव बन रहा है। आगे स्थितियां खराब न हो, इसलिए सिंहस्थ- 2028 से पहले इसे सिक्स लेन में बदलने को मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ने भोपाल की आइकान कंसल्टिंग फर्म से फिजिबिलिटी सर्वे शुरू करवा दिया है।फर्म के इंजीनियरों ने प्रस्तावित मार्ग पर जाकर पता लगा रहे हैं कि मार्ग को सिक्सलेन में बदलने के लिए किन बाधाओं को हटाना होगा। कितनी निजी और सरकारी जमीन का अधिग्रहण करना होगा। कितने अतिक्रमण, पेड़, खंभे हटाने होंगे। निमार्ण पर कितना रुपया खर्च होगा। इसकी विस्तृत कार्य योजना (डीपीआर) छह माह में बनाकर देने का दबाव फर्म पर है।
रिपोर्ट के आधार पर होगा तय
शासन को रिपोर्ट समझ आई तो आगे चलकर इसी फर्म के निर्देशन, निगरानी में पेव्ड सोल्डर के साथ सिक्सलेन का निर्माण कराया जाएगा। फिलहाल की स्थिति में उज्जैन-इंदौर रोड खराब हैं। जगह-जगह गड्ढे उभरे हैं। इनकी मरम्मत एमपीआरडीसी ने करवाना शुरू कर दी है। महीनेभर में पूरी सड़क का पेंचवर्क करा लिए जाने की बात अफसरों ने कही है।