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भारत को द्वितीय विश्व कपास दिवस पर उसके कपास के लिए ऐतिहासिक दिन


भारत में कपास (cotton) एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है और यह एक प्रमुख फाइबर की उपज होती है जिससे कपड़े बनाए जाते हैं। कपास के पौधों से कपास की बूँदें निकालकर उन्हें धो धोकर सूखाया जाता है और इसके बाद इन बूँदों को बुनकर कपड़ा बनाया जाता है। कपड़ा उपयोग में आता है जो की वस्त्र, बर्तन, टैपेस्ट्री, और अन्य उत्पादों के निर्माण में काम आता है।

भारत में कपास की खेती किसानों के लिए मुख्य आजीविका स्रोत होती है और यह कृषि उत्पाद देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करता है। कपास के पौधों की वृद्धि गर्मियों में अधिक होती है, इसलिए भारत में कपास की प्रमुख फसल बारिश के मौसम के बाद बोई जाती है।

कपास की प्रमुख खेती राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, पुंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, और मध्य प्रदेश में होती है। कपास के उत्पादन में भीड़ भरपूर होती है और इसके प्रबंधन, उपयोग, और निर्यात के लिए सरकारी योजनाएँ भी होती हैं।

कपास भारतीय रोजगार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह देश के कृषि उत्पादों में से एक है।

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