विक्रम विवि : 62 पाठ्यक्रम पढ़ने को एक भी विद्यार्थी न मिला
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन में संचालित ‘विक्रम विश्वविद्यालय’ को पढ़ाने के लिए इस वर्ष भी स्वीकृत सीटों के मुकाबले आधे से भी कम विद्यार्थी मिले हैं। पाठ्यक्रम 275 संचालित हैं, मगर दाखिला केवल 113 पाठ्यक्रम में ही हो सका है। दाखिला पाए विद्यार्थियों की संख्या भी सिर्फ 2615 है।इनमें भी एमएससी इनफर्मेशन टेक्नोलाजी, बीए आनर्स इन संस्कृत सहित 13 डिग्री, डिप्लोमा और सर्टीफिकेट पाठ्यक्रम ऐसे हैं जिन्हें पढ़ने को बमुश्किल एक ही विद्यार्थी मिला है। 62 पाठ्यक्रम पढ़ने के लिए एक भी विद्यार्थी ने दिलचस्पी नहीं ली है। दाखिले की कमजोर स्थिति को देख विश्वविद्यालय ने छठीं बार दाखिले की तारीख बढ़ाकर 15 अक्टूबर कर दी है।
मालूम हो कि विक्रम विश्वविद्यालय, अपनी अध्ययनशालाओं में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए बीते कई वर्षों से जूझ रहा है। बावजूद आधी सीटें भी नहीं भर पा रही हैं। कारण, मुख्य रूप से तीन सामने नजर आते हैं। पहला, अध्ययनशालाओं में पढ़ाने के लिए स्थायी शिक्षकों की कमी।
दूसरा, बेहतर पैकेज पर प्लेसमेंट सुविधा न दिलाना पाना। तीसरा, त्रुटीपूर्ण परीक्षा परिणाम जारी होना। प्रबुद्धजनों का कहना है कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा- 2022 में हुए फर्जीवाड़े और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ग्रेड गिरने का असर भी दाखिलों की संख्या पर पड़ा है।
विश्वविद्यालय की पहले ए ग्रेड थीं। मगर बीते वर्ष नैक ने मूल्यांकन उपरांत ‘बी- प्लस प्लस’ ग्रेड दी। सर्वविदित है कि ये ग्रेड टाप ‘ए प्लस प्लस’, ‘ए प्लस’ और ‘ए’ से तीन पायदान नीचे वाली है। विश्वविद्यालय ने बीते कई वर्षों से नई किताबें तक नहीं खरीदी है।