दरिंदे को जेल, दो कॉलोनी में 25 जगह से आरोपी के पिता को किराए का मकान मांगने पर रहवासियों ने भगा दिया
उज्जैन में कुछ दिन पहले हुए बालिका से दुष्कर्म के मामले में एक समय जहाँ उज्जैन के बायपास की कालोनी के लोगो ने बच्ची की मदद नहीं की जिसे देश में उज्जैन को लेकर गलत मेसेज गया उज्जैन के लोगो ने बच्ची की मदद नहीं की लेकिन ऐसा नहीं है उज्जैन के बाहरी कालोनियों में ज्यादातर लोग बहार से आये है महाकाल लोक बनने के बाद बहुत से लोग उज्जैन में बसने लगे है आजीविका के लिए जो अपना काम धंधा करते है जो सुबह से काम पर निकल जाते है इसकारण घरो में सुबह के वक्त कोई नहीं रहता है वही जिन्होंने मदद नहीं की वे बाहरी लोग थे लेकिन अब उज्जैन के लोगो ने एक नै मिशाल पेश की है बालिका से दरिंदगी की घटना से लोगों में भयंकर आक्रोश तो था ही । और अब आरोपी व उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर भी दिया है। वकील पहले दिन ही ये ऐलान कर चुके हैं कि दुष्कर्मी का केस नहीं लड़ेंगे।
इधर, आरोपी का मकान टूटने के बाद उसके परिवार को कोई मकान तक देने को तैयार नहीं है। दुष्कर्मी का पिता दो कॉलोनी में 25 जगह किराए से कमरे के लिए गिड़गिड़ा लिया लेकिन लोगों ने उसे ये कहते भगा दिया कि दोबारा आना मत, दुष्कर्मी के परिवार को मकान देना तो दूर कॉलोनी में घुसने तक नहीं देंगे।पुरे उज्जैन में ये परिवार ख़ाक छान चुका है लेकिन कोई इस परिवार को मदद करने को तैयार नहीं हो रहा है
सतना निवासी बालिका के साथ दरिंदे ऑटो ड्राइवर भरत ने जो हैवानियत व बर्बरता बरती है, उसके बाद लोगों में जमकर आक्रोश है, इसलिए उसके परिवार तक को कोई किराए से मकान तक नहीं दे रहा। गुरुवार को दुष्कर्मी भरत का पिता, मां व भाई, भाभी दोपहर तक ई-रिक्शा में सामान बांधते रहे व पिता का कहना था कि बापूनगर, चिंतामननगर में कई लोगों के यहां मकान किराए से मांगा तो उन्होंने पूछा कि कौन और कहां से आए हो, जब ये बताया कि बेटा बच्ची से दुष्कर्म में गिरफ्तार हुआ है, इसलिए मकान टूट गया तो किराए से चाहिए, ये सुनते ही लोगों ने भगा दिया, बोले कि दुष्कर्मी के परिवार को रहने नहीं दे सकते।
बताया जा रहा है की एक परिचित ने शकरवासा में कमरा दिलाया है, वहां फिलहाल जा रहे है। दुष्कर्मी का पिता राजू यूं तो 20 साल तक नानाखेड़ा मुख्य मार्ग पर पर्यटन विभाग की होटल के बाहर दो हजार स्क्वेयर फीट से ज्यादा सरकारी जमीन पर कब्जा कर रह रहा था लेकिन बुधवार को कब्जा ध्वस्त होते ही जब रात तक परिवार समीप में ही डेरा डाल पड़ा रहा तो पर्यटन विभाग की होटल के अधिकारियों ने भी तीन से चार बार टोक दिया कि यहां से निकलो, होटल के बाहर मत रुको, नहीं ताे हमारी होटल की भी बदनामी होगी।