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लेक्टर के समक्ष गुहार रखी है कि वे मासूमों के साथ कहां जाएंगे


उज्जैन,सतना को 12 साल की बच्ची के साथ पाशविक रूप से बलात्कार के आरोपी भरत सोनी का परिवार 1500 वर्ग फीट की नगर निगम की जमीन पर अस्थाई एवं स्थाई अतिक्रमण करके निवास करता है। उसके परिवार में 4 मासूम भतीजा-भतीजी हैं और बुजुर्ग माता-पिता के अलावा दो भाभी, दो भाई भी रहते हैं। अतिक्रमण हटने की स्थिति के चलते मंगलवार को उसके माता-पिता ने कलेक्टर के समक्ष गुहार रखी है कि वे मासूमों के साथ कहां जाएंगे, उनका परिवार आत्महत्या को विवश हो जाएगा। आरोपी को माता राखी एवं पिता राजू ने अतिक्रमण हटने के डर से पीड़िता को अपनाने का प्रस्ताव कलेक्टर को दिया है। मंगलवार को दोनों कलेक्टोरेट पहुंचे थे और उन्होंने आवेदन में लिखा है कि प्रशासन एवं समाज इजाजत दे तो में लड़की को मन से बहु स्वीकार करने को तैयार हूँ। देवास रोड से इंदौर रोड को मिलाने वाले एमआर-2 पर होटल अवंतिका के पास आरोपी का परिवार नगर निगम की 20 बाय 80 पर मंदिर के पुजारी के नाम पर अस्थाई अतिक्रमण किए हुए है। चारों ओर से गेल्वेनाइजड पतरे की शीट से आवास बना रखा है। आरोपी के पिता बताते हैं कि करीब दो दशक से वहां रह रहे हैं। घर में चार मासूम, दो बहुएं आरोपी के पिता राजू एवं मां राखी बताते हैं कि उनके 1 पुत्री एवं 4 पुत्र हैं। इनमें से सबसे छोटा पुत्र अर्जुन आगर के पास तनोड़िया में 8 माह पूर्व सड़क दुर्घटना में शांत हो गया। उसी की ऑटो रिक्शा भरत को चलाने के लिए दी गई है। पुत्री पूजा का विवाह उन्होंने ब्राह्मण परिवार में किया है। पुत्र सोनू मजदूरी करता है एवं प्रकाश चाय की गुमटी चलाता है। दोनों का विवाह अनुसूचित जन जाति अजजा में किया है। भरत की शादी अभी नहीं हुई है।' दोनों विवाहित पुत्र एवं उनकी पत्नियां यहीं उनके 4 बच्चों के साथ रहती हैं। बच्चों में सबसे बड़ी बच्ची 5 साल की एवं उससे छोटी दो बच्चियां क्रमशः 4 वर्ष एवं ढाई वर्ष की है। उनसे छोटा एक पौता मात्र 13 माह का है। राजू के अनुसार वे मूलतः सागर के रहने वाले हैं। उनके पिता मिलेट्री से रिटायर्ड रहे और उनकी शादी उज्जैन में हुई। उनकी पत्नी मुंबई की हैं और सिंधी समाज से हैं। राजू कहते हैं कि वे खुद बैंक कर्ज की ई-रिक्शा चलाकर अपना जीवन यापन करते हैं। भरत पर इस तरह के घिनौने अपराध के बाद वे समाज में किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहे हैं। सोनी समाज के विरोध के लिए राजू का कहना है कि वे ही बताएं कि मैं कौन हूं। मेरे पिता की शादी उज्जैन में हुई मेरे तीन काका एवं फूफा आसपास के ही निवासी रहे हैं
पूर्व यहां एक धर्मस्थल का विवाद हुआ था, यहीं पर एक अन्य धर्मस्थल भी है। तत्कालीन दौर में वहां धर्मस्थल को क्षति पहुंचाने के मामले में उन्होंने पुलिस एवं प्रशासन के समक्ष क्षति पहुंचाने वाले को पहचाना था उसके बाद उन्हें यहां पुजारी बतौर रहने के लिए कहा गया था। अतिक्रमण हटने की उन्हें जानकारी है और नगर निगम के अधिकारी उनके पास आए थे। उन्होंने कलेक्टर को आवेदन देकर मानवता के नाते मकान तोड़ने से रोके जाने का निवेदन किया। वे यह भी कहते हैं कि जो तोड़ने आएंगे उनसे पूहुंगा कि हम कहां जाएं आप ही बताएं और इन 4 मासूमों का कसूर भी बताएँ। आवेदन में राजू एवं राखी ने लिखा है। कि भरत के इस तरह के आरोपी होने से हमारा जीवन नर्क बन कर रह गया है। अगर मुंह छिपाने की जगह भी छिन गई तो हमारे पूरे परिवार के सामने आत्महत्या के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं है। राजू ने अपना आवेदन कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक दोनों को दिया है। नगर निगम के झोन 6 के भवन अधिकारी हर्ष जैन बताते हैं कि हम विधि अनुसार कार्रवाई करने के लिए अग्रसर हैं, नियमानुसार काम कर रहे हैं। हमने कोरोनाकाल में वर्ष 2020 में भी अतिक्रमण हटाया था वे ये भी कहते हैं कि भवन शाखा के पास स्थाई अतिक्रमण हटाने के अधिकार हैं। अस्थाई अतिक्रमण हटाने के अधिकार नगर निगम की अन्यकर शाखा को हैं।

 

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