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टैंडर पद्धति से प्राधिकरण की प्रॉपर्टीज पूंजीपति, बिल्डर, भूमाफियाओं के हाथों में चली गई


यूडीए उज्जैन विकास प्राधिकरण के मकान-प्लाॅट तो आम लोगों के बजट से बाहर हो ही गए, अब फ्लैट भी बोली के आधार पर बेचे जाएंगे यानी जो जितनी राशि बढ़ाकर डालेगा, उसे नानाखेड़ा क्षेत्र में बनाए गए फ्लैट्स का आंवटन कर दिया जाएगा। यूडीए ने श्री महाकाल वाणिज्यिक केंद्र के ब्लाॅक-03 में पहले से निर्मित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की दुकानों के ऊपर आवासीय उपयोग के करीब 16 फ्लैट का निर्माण किया है। जिन्हें व्ययन नियम-2018 व संशोधित नियम-2021 के तहत लीज आधार पर ऑनलाइन टेंडर यानी बोली के आधार पर निविदाएं आमंत्रित की गई है। जिसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि किसी भी निविदा को गुणदोष के आधार पर स्वीकृत या अस्वीकृत किया जा सकेगा, जिसमें कारण बताना आवश्यक नहीं होगा।

फ्लैट अनारक्षित, पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, विकलांग आदि कोटे में फ्लैट का पंजीयन व आवंटन किया जाएगा, जिनकी निर्धारित दर 21 लाख 91 हजार से लेकर 26 लाख रुपए तक है। टेंडर पद्धति से प्रॉपर्टी के दाम तो बढ़े हैं लेकिन प्राधिकरण के मकान, प्लाॅट व फ्लैट तथा दुकानें आदि पूंजीपति, बिल्डर, भूमाफियाओं के हाथों में चले गए हैं। ऐसे में आम आदमी और उनका परिवार यूडीए के मकान-प्लाॅट खरीदने से दूर हो गया है। तीन साल पहले तक लॉटरी पद्धति की प्रक्रिया के तहत मकान व प्लाॅट आदि का निर्धारित दर पर पंजीयन किया जाकर आवंटन किया जाता था, कोरोना काल के बाद यूडीए ने अपनी पद्धति ही बदल डाली। इसमें ऑक्शन पद्धति से मकान-प्लाॅट आदि का पंजीयन शुरू कर दिया गया। इसमें जो जितनी दरें ज्यादा डालेगा, उसे प्रॉपर्टी का आवंटन कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को शुरू किए जाने से भू-माफियाओं व बिल्डर, पूंजीपति व दलाल आदि ज्यादा कीमत डालकर यूडीए के मकान व प्लाॅट आदि हथिया रहे हैं और आम आदमी खाली हाथ है।

ऐसे बदलती गई प्रक्रिया और आम आदमी खाली हाथ

1- पंजीयन फार्म भरवा कर आवंटन किया जाता था। 2- ज्यादा फार्म जमा होने पर लॉटरी पद्धति अपनाई जाने लगी। 3- पहले आओ, पहले पाओ की पद्धति को लाया गया। 4- अब टेंडर पद्धति से प्रॉपर्टी का पंजीयन कर रहे।

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