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पौधे लगाने का बड़ा खेल खेला


जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर वन विभाग का कक्ष क्रमांक 22 वन परिक्षेत्र पिपलिया बीछा। जहां 30 हेक्टेयर फोरेस्ट की जमीन है। यहां वन विभाग ने पौधे लगाने का बड़ा खेल खेला है। पिछले तीन सालों में यहां 50 लाख से अधिक के पौधे लगा दिए, लेकिन मौके पर इक्का-दुक्का पौधे और जंगली घास ही है। यही नहीं, पौधे लगाने के काम में जिन मजदूरों को लगाया गया, उन्हें एक-एक दिन की 3-3 हजार से अधिक की मजदूरी दी। मतलब, वेतन के हिसाब से जोड़ें। तो एक माह के 90 हजार, जो फर्स्ट ग्रेड अधिकारी की सेलरी के बराबर है। ग्रामीणों और वन रक्षक समिति के सदस्यों का कहना है कि 8 सालों से यहां वन रक्षक मोहन अकोदिया पदस्थ है, जिसने पौधों को लगाने की यह साजिश रची और लाखों का पेमेंट ग्रामीणों के खाते में कराकर म.प्र. शासन विभाग वापस ले लिया। ग्रामीणों ने इस संबंध में वन विभाग के उच्च अधिकारियों को भी शिकायत की लेकिन कार्रवाई करने के बजाय ग्रामीणों को ही शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है। शिकायतकर्ता नौशाद शाह ने बताया कि गांव के कई लोगों के खाते में वन रक्षक ने अलग-अलग बहाने बनाकर पैसे डलवाए और फिर अगले दिन आकर पैसे ले लिए। जब हमने पूछा कि पैसे किस बात के हैं तो घुमाफिराकर जवाब दिया। नाम इन्हें अधिक भुगतान, कई को पता ही नहीं जंगल को नुकसान पहुंचाता है, रोका व्हाउचर नंबर / कार्य के दिन
संजय कलेसरिया 419, 420 (8 दिन) 34 हजार 603 हैदर शाह 1378 (5 दिन) 15 हजार रुपए अजय आंजना 104, 105 (15 दिन) 30 हजार रुपए रईस शाह 264 (5 दिन) 12 हजार रुपए लक्की राठौर विशाल (268 (5 दिन) 269 (5 दिन) 18 हजार रुपए 17 हजार 500 रुपए)
(नोटः ऐसे 103 मजदूर हैं, जिनका करीब 50 लाख रुपए का भुगतान वेंडर के माध्यम से किया गया।)
श्रमिकों का कहना.... हमने तो काम ही नहीं किया, झूठ बोलकर अकाउंट में पैसे डलवाए, अगले दिन कैश लिए • गांव के हैदरशाह ने बताया कि वन रक्षक ने मेरे खाते में पैसे डलवाकर कहा कि मेरा अकाउंट बंद हो गया है। अगले दिन वह आया और पैसे निकालकर ले गया।
आपके अकाउंट में 12 हजार रुपए डलवा रहा हूं। मुझे • मुश्ताकशाह ने बताया कि वन रक्षक ने बोला कि मैं निकालकर दे देना। मैंने भी जितने अकाउंट में पैसे डाले, उतने निकालकर दे दिए। काम तो मैंने नहीं किया
तो झूठी शिकायत करने लगा
1 जंगल में जानवर घुसा देते हैं, जिससे जंगल के क्षेत्र को नुकसान पहुंचता है। रोकने पर शिकायतें कर रहे हैं। अधिकारियों की निगरानी में पौधारोपण किया है। मजदूरों को ज्यादा पैसे देने की बात है तो ट्रैक्टर व अन्य संसाधन लगे हैं। उसका पेमेंट हैं। शिकायत झूठी है। मोहन अकोदिया, वन रक्षक, पीपलिया बीछा
एसडीओ जांच कर रहे हैं
थी। एसडीओ को जांच करने के लिए इस तरह की शिकायत मेरे पास आई कहा है। अभी हमारे पास जांच प्रतिवेदन नहीं आया । वह आने के बाद ही कुछ कह पाऊंगी।
किरण बिसेन, डीएफओ, उज्जैन।

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