महात्मा गांधी ने भारत को आजाद कराने का मुख्य कारण था
महात्मा गांधी ने भारत को आजाद कराने का मुख्य कारण था ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आवश्यकता को समझना और उसके लिए सामर्थ्य जुटाना। उनके स्वतंत्रता संग्राम के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण थे:
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अत्याचार और अन्याय: ब्रिटिश शासन के दौरान, भारतीय जनता को अत्याचार, अन्याय, और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्होंने यह महसूस किया कि भारतीयों को उनके अधिकार और स्वतंत्रता से वंचित किया गया था।
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स्वतंत्रता और स्वावलंबन: महात्मा गांधी ने भारतीयों को स्वतंत्रता की आवश्यकता के साथ-साथ स्वावलंबन और स्वराज्य की आवश्यकता को भी महत्वपूर्ण माना। उन्होंने स्वतंत्रता के बिना भारतीय समृद्धि और समाज का विकास संभावनहीन माना।
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अद्वितीय आन्दोलन: महात्मा गांधी ने अद्वितीय आन्दोलन की शृंगारिक विधि का प्रयोग किया, जिसमें असहमति के बावजूद अहिंसा, सत्याग्रह, और सिविल अपील का पालन किया गया। इससे वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूती से चला सके।
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एकता और सामाजिक सुधार: गांधीजी ने भारतीय समाज की एकता को महत्वपूर्ण माना और उन्होंने असहमति और धर्म-जाति भेद को दूर करने के लिए कई सामाजिक सुधार कार्यक्रम चलाए, जैसे कि हरिजनों के लिए समाजिक समानता की बढ़ावा देना।
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अंतर्राष्ट्रीय दबाव: ब्रिटिश शासन के दौरान, विश्व युद्ध (प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध) के परिणामस्वरूप ब्रिटिश शासन की अस्थायीता बढ़ गई थी, और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने इसका बहुत बड़ा प्रभाव डाला।
इन सभी कारणों के साथ, महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम से भारत को आजाद कराने का संकल्प और प्रयास किया और इसके परिणामस्वरूप, 1947 में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।