दस दिवसीय उत्सव के बाद मंगलमूर्ति विदा
गुरूवार को अनंत चतुर्दशी पर भगवान श्री गणेश की पार्थिव प्रतिमाओं का विसर्जन सुबह से शुरु हो गया है। यह सिलसिला देर शाम तक चलेगा। रात को झिलमिलाती झांकियों का चल समारोह भी निकलेगा। हालांकि इस सीमित झांकियां देखने को मिलेगी। वहीं नगर निगम ने भी विसर्जन स्थल पर वाहन रखकर बड़ी प्रतिमाओं को अन्य स्थान पर विसर्जन के लिए लेकर गए। छोटी प्रतिमा को हीरा मिल के कुंड में विसर्जन किया।
गुरूवार को गणेश स्थापना के दस दिन बाद चतुर्दशी पर गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आवाज के साथ गणपति बप्पा को बिदाई देने के लिए श्रद्धालु नगर निगम द्वारा तय किए गए स्थानों पर पहुंचते रहे। चतुर्दशी के अवसर पर ही अनंतपेठ स्थित अनंतनारायण मंदिर पर भी सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। महिलाओं ने पूजन किया और गले और हाथ की भुजा में सूत का धागा बांधा। अनंत चतुर्दशी के दिन इस मंदिर में दर्शन व पूजन करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सिद्धवट पर भी पितरों की शांति के लिए दूध चढ़ाने वाले श्रद्धालु सुबह से ही बड़ी संख्या में पहुंचे। आज गणेश प्रतिमाओं को प्रवाहित करने के साथ ही दस दिनों तक चलने वाले गणेशाोत्सव कार्यक्रमों का भी समापन हो गया है। हालांकि कई मंडलों द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण समारोह भी रखे गए है। गौरतलब है कि शहर में करीब सौ से अधिक स्थानों पर पांडाल बनाकर गणेश प्रतिमाओं को विराजित किया गया था ओर इन पांडालों में दस दिनों तक सुबह व शाम को आरती के साथ ही प्रसाद वितरण किया गया।