दुखद है 24 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में ही इंटरनेट सुविधा
संदीप कुलश्रेष्ठ
राज्य सभा में पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी में खुलासा किया गया है कि देश में सन 2021-22 में केवल 24.2 प्रतिशत स्कूलों में ही इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा है। यह स्थिति दुखद है। इसमें बदलाव की जरूरत है। जब हम विश्व गुरू होने की ओर बढ़ रहे है। ऐसे में हमारी नई पीढ़ी को जो कि देश का भविष्य है उन्हें सबसे महत्वपूर्ण तकनीकि सुविधा से वंचित रखना ठीक नहीं है।
कोरोना काल में बढ़ा इंटरनेट -
देश में कोरोना महामारी के बाद सरकारी स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन में बढ़ोत्तरी हुई। सन् 2019-20 में केवल 11.6 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में ही इंटरनेट की सुविधा थी। सन् 2020-21 में यह बढ़कर 13.6 प्रतिशत हो गई। किन्तु 2021-22 में देश के केवल एक चौथाई स्कूलों में ही इंटरनेट कनेक्शन सुविधा हो पाई है।
बड़े राज्यों में बढ़ी इंटरनेट सुविधा -
देश के बड़े राज्य गुजरात में सन् 2021-22 में इंटरनेट सुविधा बढ़कर 94.2 प्रतिशत हो गई। राजस्थान में यह 53.5 प्रतिशत ही रहा। इसके बाद कोई भी राज्य 50 प्रतिशत से अधिक इंटरनेट कनेक्शन अपने राज्य में नहीं दे पाया। पंजाब में 46.6 प्रतिशत, गोवा में 36.7 प्रतिशत, झारखंड में 33.6 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 33.8 प्रतिशत, हरियाणा में 29.8 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 28.2 प्रतिशत और हिमाचल में 27.1 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में ही इंटरननेट कनेक्शन की सुविधा मिल सकी है। मध्यप्रदेश में केवल 17.8 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में ही इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा है। उत्तराखंड में 15.6 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 15.5 प्रतिशत स्कूलों में ही इंटरनेट की सुविधा अभी तक मिल पाई है। उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्य में केवल 8.8 प्रतिशत, उड़ीसा में 8.1 प्रतिशत और बिहार में 5.9 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में ही इंटरनेट की सुविधा मिल पाई है।
केन्द्र शासित प्रदेशों में है अच्छी स्थिति -
सबसे अच्छी स्थिति देश के तीन केन्द्र शासित प्रदेशों में है। दिल्ली, चंडीगढ़ और पुड्डुचेरी में सन 2021-22 में शत प्रतिशत सरकारी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा शुरू हो गई है। यह अत्यन्त सुखद स्थिति है। इसके अतिरिक्त लक्षद्वीप में 97.4 प्रतिशत, नगर हवेली में 50 प्रतिशत, लद्दाख में 40.8 प्रतिशत, अंडमान में 38.9 प्रतिशत और सबसे कम जम्मूकश्मीर में 22.3 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में ही इंटरनेट की सुविधा मिल सकी है।
दक्षिण के राज्यों में केरल सबसे आगे -
दक्षिण के राज्यों में केरल की स्थिति सबसे अच्छी है। केरल में 94.6 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में इंटरनेट के कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध हो गई है। आंध्र प्रदेश में 45 प्रतिशत, तमिलनाडु में 24.7 प्रतिशत, कर्नाटक में 10.7 प्रतिशत और तेलंगाना में 9.2 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में ही इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा मिल पाई है।
स्थिति में बदलाव की है जरूरत -
यह युग इंटरनेट का युग है। सरकारी स्कूलों को भी इससे अछूता नहीं रखा जा सकता। इसलिए जिन राज्यों में 50 प्रतिशत से कम सरकारी स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध है वहाँ केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह उन राज्यों में शत प्रतिशत सरकारी स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा देने के लिए शत प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध कराए, जिससे भारत का भविष्य बच्चें प्रगति के दौर में भी पीछे न रह सके।
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