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जनता में आक्रोश:100 वर्ष से निकल रहे फूलडोल चल समारोह की परंपरा टूटेगी या रहेगी.


25 सितंबर को डोल ग्यारस पर फूलडोल चल समारोह निकलना है। ये 101वां चल समारोह भी अपने परंपरागत गाैतम मार्ग से निकल पाएगा या नहीं? यह सवाल बना हुआ है, इसलिए कि चौड़ीकरण वाले गाैतम मार्ग (भेरूनाला से इमली तिराहा) के बीच में कई जगह सड़क-नाली का काम अधूरा ही है। समतलीकरण तक होना बाकी है। हैरत यह कि पहले से ही समय सीमा की चुनौती तय होने के बावजूद पिछले दो दिनों से उक्त रूट पर काम की गति बेहद धीमी है।

दो दिनों में निर्माण से जुड़ी टीम ने सुस्ताने में ज्यादा वक्त बिताया, काम करने में कम। ऐसे में प्रभावित जनता में भी खासा रोष है। बहरहाल रूट की स्थिति सुधारने के लिए जिम्मेदारों के पास शुक्रवार छोड़कर अब केवल दो दिन (23 व 24 सितंबर) शेष रह गए हैं। सवाल अपनी जगह कायम है, जवाब 25 सितंबर को सबके सामने होगा।

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