विधानसभा निर्वाचन-2023 के अन्तर्गत गठित निगरानी दलों के दायित्व
उज्जैन 20 सितम्बर। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कुमार पुरुषोत्तम ने आगामी
विधानसभा निर्वाचन-2023 के नाम निर्दिष्ट प्रत्येक अभ्यर्थी के नामांकन की तारीख से निर्वाचन
परिणाम की घोषणा की तारीख (दोनों तिथियों को सम्मिलित करते हुए) तक उसके द्वारा या उसके
निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा उपगत या प्राधिकृत किये गये सभी व्ययों की निगरानी रखने, रख-रखाव
करने और प्रचार अभियान के दौरान गैर-अनुज्ञेय व्ययों पर निगरानी के लिये दलों का गठन कर उन्हें
दायित्व सौंपे हैं।
खर्च निगरानी प्रकोष्ठ (ईएमसी)
दल का दायित्व खर्च ऑब्जर्वर एवं जिला निर्वाचन कार्यालय के मध्य समन्वय करना होगा।
सभी टीम सदस्यों को प्रशिक्षण आदि करवाना, उन्हें संसाधन एवं लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करना
होगा। निर्वाचनों की घोषणा और निर्वाचनों की अधिसूचना के मध्य के समय में राजनैतिक
दलों/संभावित अभ्यर्थियों द्वारा की गई सभाओं/रैलियों/बैठकों की वीडियोग्राफी करवाना होगी। यद्यपि
इस व्यय को अभ्यर्थी के रजिस्टर में नहीं जोड़ा जायेगा। 72 घंटे में डीईएमसी प्रकरण का अध्ययन
कर उक्त प्रकोष्ठ निर्णय लेगा कि क्या ऐसा व्यय अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जायेगा अथवा नहीं।
परिणाम घोषणा के 30 दिन की निर्धारित अवधि में अभ्यर्थी व्यय लेखा दाखिल नहीं करता है तो
उससे स्पष्टीकरण प्राप्त कर आयोग को भेजना होगा।
सहायक खर्च ऑब्जर्वर (एईओ)
दल का दायित्व होगा कि वे व्यय प्रेक्षक, आरओ, डीईओ के मध्य समन्वय अधिकारी के रूप
में कार्य करेंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र हेतु एक सहायक खर्च ऑब्जर्वर होगा। अधिसूचना के दिन से
ही इन्हें निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया जायेगा और व्यय प्रेक्षक की अनुमति के बिना निर्वाचन क्षेत्र से
बाहर नहीं जायेंगे। यह निर्वाचन क्षेत्र के संवेदनशील आयोजनों एवं बड़ी सार्वजनिक रैलियों की
वीडियोग्राफी का पर्यवेक्षण करेंगे। भ्रष्ट आचरण की शिकायतों को तत्काल एफएस को हस्तांतरित
करेंगे।