संस्कृत नाट्य समारेाह का आयोजन 20 से 22 सितम्बर तक
उज्जैन 20 सितम्बर। संस्कृत रंगमंच के संवर्धन के उद्देश्य से कालिदास संस्कृत अकादमी
द्वारा प्रतिवर्ष संस्कृत नाट्य समारोह का आयोजन किया जाता है। इसमें आमंत्रित संस्थाएँ संस्कृत
नाटकों का मंचन करती हैं। इस वर्ष यह आयोजन 20 से 22 सितम्बर तक अभिरंग नाट्यगृह में
आयोजित किया जा रहा है।
अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ.संतोष पण्ड्या ने बताया कि नाट्य समारोह का शुभारम्भ
संध्या 6.30 बजे विधायक श्री पारस जैन के मुख्य आतिथ्य, पूर्व कुलपति वि.वि. प्रो.बालकृष्ण शर्मा
की अध्यक्षता तथा माचगुरु पं.ओमप्रकाश शर्मा के विशिष्ट आतिथ्य में होगा। उद्घाटन पश्चात् संध्या
7 बजे यथार्थ सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था उज्जैन द्वारा श्री प्रकाश देशमुख के निर्देशन में
महाकवि भास विरचित ‘कर्णभारम्’ की प्रस्तुति की जायेगी।
21 सितम्बर को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा डॉ.चन्नबसवस्वामी हिरेमठ के
निर्देशन में जयदेव विरचित ‘प्रसन्नराघवम्’ की प्रस्तुति की जायेगी। तीसरी एवं अंतिम संध्या
जनस्थान रंगमंच, नासिक द्वारा सुश्री वैदेही मुळये के निर्देशन में ‘वंचते-परिवंचते’ नाटक की प्रस्तुति
होगी। समापन के मुख्य अतिथि महापौर श्री मुकेश टटवाल होंगे, अध्यक्षता महर्षि पाणिनि संस्कृत
एवं एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.विजयकुमार मेनन तथा विशिष्ट अतिथि नगर निगम
आयुक्त श्री रोशन कुमार सिंह होंगे। कार्यक्रम संयोजक अनिल बारोड़ ने संस्कृतानुरागियों से नाट्य
प्रस्तुतियों के रसास्वादन का आग्रह किया है। सभी प्रस्तुतियाँ संध्या 7 बजे से आरम्भ होगी।