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लोगों का दर्द- पाई-पाई जोड़कर राशन भरा था, खाने के लिए न अनाज बचा और न सोने के लिए बिस्तर


घरों की दीवारों पर अभी भी दिखाई दे रहे पानी के निशान, गीले बिस्तर, रसोई में भीग चुका सामान और खाली बर्तन। कहीं खराब पड़ा फ्रीज तो कहीं बंद पड़े टीवी और कूलर।

यह तस्वीरें तीन दिन हुई तेज बारिश के बाद शांति नगर, सुदर्शन नगर और नागेश्वर नगर की हैं। यहां तीन दिनों तक रहे जलभराव के बाद सोमवार को घरों से पानी तो उतर गया लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों के निवासियों के लिए मुश्किलें कम नहीं हुई हैं।

किसी के घर में राशन का कोई सामान नहीं बचा, तो किसी के पास अब सोने के लिए बिस्तर तक नहीं हैं। क्योंकि भारी बारिश से इनके घरों में घुसा पानी सब कुछ भीग चुका है। भास्कर टीम ने जब इन क्षेत्रों में जाकर स्थिति देखी तो लोगों का दर्द भी इन तस्वीरों के साथ सामने आया।यह तस्वीर शिप्रा नदी के समीप दानीगेट क्षेत्र की है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद सोमवार को यहां केवल कीचड़ नजर आ रहा था। लोग अपने घर आैर दुकानों में दिनभर कीचड़ हटाने की जद्दोजहद करते रहे। कितना नुकसान हुआ, इस सवाल पर कीचड़ दिखाते हुए कहते हैं कि आप ही खुद अंदाजा लगा लो कि सिर्फ मकान-दुकान की दीवारों के अलावा कुछ नहीं बचा। घर-दुकान में रखा सारा सामान खराब हो गया।सीताबाई जोगदिया एकता नगर में अपने परिवार के साथ रहती हैं। सीताबाई बताती हैं कि उनका घर जमीन से करीब तीन फीट ऊपर है। इसके बावजूद घर में पांच फीट से ज्यादा पानी भर गया, जिससे घर का पूरा सामान भीग गया है। किसी तरह अलमारी के ऊपर रखकर बिस्तर व कुछ अन्य सामान सुरक्षित रख पाए। पानी भर जाने के बाद दूसरों के घर रहकर दो दिन गुजारना पड़े। इन दो दिनों में किसी अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने आकर हमारे हालात नहीं पूछे।मंजू परमार अपने दो बच्चों के साथ सुदर्शन नगर में रहती हैं। मंजू ने बताया घरों में साफ-सफाई कर जीवन यापन करती हैं। कई महीने बचत करके 20 किलोग्राम आटा, 30 किलोग्राम गेहूं और किराने का सामान भरा था ताकि दो महीने राशन की दिक्कत न हो। दो-तीन दिन की तेज बारिश ने ही हमारा सबकुछ भीगो दिया। घर में चार फीट से ज्यादा पानी भरने से सारा राशन भीग गया। बिस्तर को भी फेंकना पड़ा है।

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