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विश्वविद्यालय के आवास हॉस्टल में पानी टपकने से परेशान अधिकारी


विक्रम विश्वविद्यालय के आवासीय परिसरों में रहने वाले अधिकारी और कर्मचारी मकानों की दयनीय स्थिति के कारण परेशान है। जबकि इंजीनियरिंग विभाग आवासीय परिसर का हर वर्ष करता है। तीन दिन की बारिश में आवास के साथ हॉस्टल, कीड़ा विभाग के भवन में पानी टपकने के कारण प्लास्टर उखड़ गए। हालत यह हो गई कि एक अधिकारी ने तो स्पष्ट कह दिया कि विश्वविद्यालय में कार्य पर जाएं या मकान में पानी समेंटे। मकान की शिकायत अधिकारी संघ तक पहुंंच गई है।

विक्रम विश्वविद्यालय के अधीन कार्य करने वाले अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारियों के लिए 184 मकान बने हुए है। इनके रखरखाव के लिए प्रति वर्ष इंजीनियरिंग विभाग मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रूपए के टेंडर निकालकर स्वीकृति लेता है। मकानों में कितना मेंटनेंस होता है। यह बारिश में दिखाई दे दिया। एफ ब्लाक में रहने वाले सहायक कुलसचिव गौरीशंकर बरार ने बताया कि मकानों की स्थिति सुधारने के लिए कई बार आवेदन दिया है। कोई ध्यान नही दे रहा है। जर्जर मकान और पानी टपकने के कारण छत का प्लास्टर गिर रहा है। बच्चे घर पर रहते है तो डर बना रहता है। अधिकारी हमसे काम की उम्मीद रखते है। ऐसी स्थिति में हम काम करें या घर का पानी समेंटे कर सुरक्षा करे। अब तो लिखित शिकायत मप्र विश्वविद्यालयीन अधिकारी संघ को भी की है।विश्वविद्यालय के पुराने सांदिपनी, कालिदास, भर्तृहरि हॉस्टल में मेंटनेस के नाम पर बारिश के पहले छत पर डामर शीट लगवाई थी। इस बार बारिश में पूरी छत टपक रही है। कई जगह लाईट नही है। वहीं क्रीड़ा विभाग में भी सुधार कार्य करवाने के बाद भी छत से पानी टपक रहा है। कर्मचारियों के आवास के प्लास्टर गिर रहे है।

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