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हरिसिद्धि मंदिर में हाइड्रोलिक सीढ़ियों से प्रज्वलित होंगे दीप


51 शक्ति पीठों में से एक माता हरसिद्धि के मंदिर में अब जल्द ही हाइड्रोलिक सिस्टम से दीप माला प्रज्वलित की जायेगी, वर्षों से मंदिर परिसर में स्थित दो दीप स्तम्भों पर जलने वाले दीपक को 6 सदस्य टीम प्रज्वलित करती है । एक सप्ताह में हाइड्रोलिक सीढ़ी मंदिर पहुंच जाएगी। जिसके बाद दीपों को आधुनिक सीढ़ियों के माध्यम से जलाया जाएगा।

राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी हरसिद्धि माता के मंदिर में सबसे आकर्षण का केंद्र मंदिर परिसर में स्थापित 2 दीप स्तंभ हैं। ये दीप स्तंभ करीब 51 फीट ऊंचे हैं। दोनों दीप स्तंभों को मिलाकर 1 हजार 11 दीपक हैं। मान्यता है कि इन दीप स्तंभों की स्थापना राजा विक्रमादित्य ने करवाई थी। ये दीप स्तंभ 2 हजार साल से अधिक पुराने हैं। पहले इन्हें नवरात्री में ही जलाया जाता था। अब ये साल भर रोशन रहते हैं।

देश भर के भक्त 15 हजार रुपए खर्च कर इन्हे प्रज्वलित करवाते है। दीप जलाने के लिए इन स्तम्भों पर रोजाना शाम को मंदिर में आरती से पहले 6 लोग दीप स्तंभ पर चढ़कर करीब 5 मिनट में 1011 दीपक रोशन कर देते हैं। ये काम काफी जोखिम भरा होता है। सभी दीयों में तेल डालते समय पूरा स्तंभ तेल में भीग जाता है। इससे फिसलन के कारण गिरने की आशंका रहती है। इसी को देखते हुए उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने हरसिद्धि मंदिर में हाइड्रोलिक सीढ़ियों की व्यवस्था की है जिस पर चढ़कर दीप जलाए जा सकेंगे। कलेक्टर ने बताया कि पुराने जमाने से आ रही परम्परा में गिरने का बड़ा खतरा होता है। करीब ढाई लाख रुपए की हाइड्रोलिक सीढ़ी एक हफ्ते में मंदिर पहुंच जाएगी।

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