छात्रों को मिल रहा गुणवत्ताहीन खाना
कच्ची और जली हुई रोटियां, दाल और सब्जी के नाम पर केवल उबला हुआ मिर्ची-मसाले का पानी। यह स्थिति है शहर के शासकीय स्कूलों में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन की। कई बार पंचनामे बने और लगातार शिकायतें भी हुई लेकिन जिम्मेदार अफसर हैं कि केवल मध्यान्ह भोजन सप्लाई करने वाली संस्था को केवल नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेते हैं। इन सबके बीच विद्यार्थी शासकीय स्कूलों में गुणवत्ताहीन खाना खाने को मजबूर हैं। शासकीय माध्यमिक विद्यालय, नागझिरी (पुलिस लाइन) में मध्यान्ह भोजन के आते ही विद्यार्थी थालियां हाथ में लेकर कतार में लग गए। जैसे ही रोटियों से भरा तपेला खोला गया तो उसमें ऊपर ही नजर आ रही जली हुई रोटियां स्पष्ट दिखाई दे रही थी।रोटी तोड़कर एक कोर चखा तो रोटी कच्ची थी। दाल से भरे बर्तन में केवल मिर्ची-मसाले से उबला हुआ पानी नजर आ रहा था। तीन-चार बार कड़छी को नीचे तक लेकर जाने के बाद उसमें कहीं-कहीं दाल के दाने दिखाई दे रहे थे। दूसरे बर्तन में आई आलू की सब्जी में आलू कम और पानी ज्यादा नजर आ रहा था। आलू की सब्जी का स्वाद भी दाल की तरह ही था, जिससे यह भी लग रहा था कि दाल और आलू की सब्जी का रस एक जैसा ही है।इस बारे में प्रधानाचार्य इंद्रवीर तोमर से चर्चा की तो उन्होंने बताया पहले ही कई बार पंचनामे बनाए जा चुके हैं। खाने की क्वालिटी को लेकर बीआरसी और जिला पंचायत को शिकायतें भी कर चुके हैं। शिकायतों के बाद दो-चार दिन ठीक खाना आता है लेकिन फिर से गुणवत्ताहीन खाना आने लगता है। बीआरसी (उज्जैन शहर) द्वारा भी इस संबंध में जिला पंचायत को कई बार शिकायतें भेजी गई लेकिन नतीजा केवल मध्यान्ह भोजन सप्लाई करने वाले समूह को नोटिस जारी करने तक ही सीमित रहा।