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महाकाल मंदिर में नहीं हो रहा परंपरा का पालन साधु-संत अपने को महाकाल से बड़ा समझ रहे


उज्जैन। महाकाल मंदिर में पूजन, परंपरा और मर्यादा का पालन नहीं हो रहा हैं। कोई भी वीआईपी नेता हो या संत-महंत मंदिर की मर्यादा का पालन ही नहीं करना चाहता। वहीं मंदिर प्रबंध समिति के जिम्मेदार भी परंपरा और मर्यादा का पालन नहीं करवा पा रहे हैं। जिससे गर्भगृह की मर्यादा भंग हो रही हैं। मुरारी बापू के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी परंपरा तोड़कर महाकाल का पूजन किया है।  
यह कहना है अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के प्रदेश सचिव रूपेश मेहता का। श्री मेहता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि भगवान  महाकाल पृथ्वी लोक के राजा है। उनके सामने सिर पर फेटा, पगड़ी आदि पहनकर जाना अपमान माना जाता हैं। इसलिए मंदिर के गर्भगृह में जब भी प्रवेश बंद होता है तो ड्रेस कोड के नियम का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। पिछले दिनों एक साध्वी ने मंदिर की मर्यादा तोड़ी थी, फिर कथाकार मुरारी बापू ने सिर पर कफनी बांधकर महाकाल की पूजा की और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गर्भगृह में कुर्ता, गाउन और सिर पर फेटा, पगड़ी पहन रखे था जो कि अनुचित है। साथ ही इन लोगों की पूजन विधि कराने वाले सरकारी पुजारी जिन्होंने स्वयं तो मर्यादा का पालन किया। लेकिन वीआईपी, नेता, अफसर और साधु-संतों को मंदिर की मर्यादा से अवगत नहीं कराया। मंदिर समिति के जिम्मेदार  कर्मचारी भी मंदिर की परंपरा और मर्यादा का पालन नहीं करा पाए। जब धर्म, मर्यादा और परंपरा का ज्ञान देने वाले संत ही खुद परंपरा का पालन नहीं करेंगे तो धर्म कैसे बचेगा।  पुजारी महासंघ ने मंदिर समिति को गर्भगृह में मर्यादा के साथ दर्शन-पूज आदि कराने का अनुरोध किया है। 

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