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महापौर-आयुक्त को देख रहवासी भड़क गए, बोले- जो पानी आ रहा, वह पीकर देखो, बीमार पड़ जाओगे


केडी गेट चौड़ीकरण से रहवासियों की परेशानियां कम नहीं हो रही है। न पीने का साफ पानी मिल रहा है और न ही घर के बाहर से कीचड़-मलबा हट पा रहा है। लोगों का विरोध न झेलना पड़े, इसलिए दो माह बाद महापौर वहां पहुंचे लेकिन फिर भी लोगों ने जमकर नाराजगी जताई। महापौर मुकेश टटवाल और आयुक्त रोशनकुमार सिंह को देख लोगों ने कहा कि यहां तो काम ही नहीं हो रहा है। कोई सुनता ही नहीं है। पीने का पानी गंदा आ रहा है। आप दो दिन इसे पीकर दिखाओ, बीमार पड़ जाओगे। हम ऐसा पानी ही पी रहे हैं।

सबसे बड़ी बात, पहले 31 अगस्त चौड़ीकरण पूरा करने की डेटलाइन महापौर ने तय की। काम सिर्फ 15 फीसदी ही हो पाया। अब इसे दो माह और बढ़ा दी गई है। वहीं मंगलवार को पहुंचे महापौर ने यहां एक नई घोषणा और कर दी कि केडी गेट, गणेश चौक सहित समस्त चौराहों के डिजाइन दो दिन में चौराहों पर प्रदर्शित करते हुए प्रभावित भवन स्वामियों को अवलोकन कराएं तथा उस अनुसार समस्त प्रकार का निर्माण सुनिश्चित करें। रहवासियों का कहना था कि घोषणा नहीं काम चाहिए।

अफसरों और नेताओं को घेर कमलाबाई, मनोज योगी, हरि व्यास, आशुतोष पंडित ने कहा कि निर्माण से न व्यापार लायक छोड़ा और न ही घर से निकलने लायक। चलने में असक्षम फरीद खान ने कहा- कीचड़ के चलते घर से नहीं निकल पा रहा हूं। महिलाओं ने भी निगम के अमले को देख जमकर नाराजगी जताई। स्थानीय पार्षद सपना सांखला और माया त्रिवेदी भी यहां पहुंची और आरोप लगाया कि चौड़ीकरण के नाम पर घरों को नर्क बना दिया है।

आज भी चौड़ीकरण कितना होना है, यह तय नहीं। कुछ लोगों ने चौड़ीकरण के बाद घरों को व्यवस्थित किया, अब अफसर उनसे कह रहे हैं कि तुमने ज्यादा बना लिया। तोड़ना पड़ेगा, जिन्होंने नहीं बनाया, उन्हें जवाब नहीं दे रहे कि कितनी जगह में निर्माण करना है। महापौर, आयुक्त के साथ लोक निर्माण प्रभारी एवं एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी, प्रकाश शर्मा, दुर्गा शक्ति सिंह चौधरी, जोन अध्यक्ष विजयसिंह कुशवाह, सुशील श्रीवास, पार्षद गब्बर भाटी, हेमंत गेहलोत, गजेंद्र हिरवे, अपर आयुक्त आशीष पाठक मौजूद थे।

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