इंजीनियरिंग कॉलेज की एल्युमनी एसो. के पदाधिकारियों के आरोप
शासकीय मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए जमीन आवंटन को लेकर फिर एक नया पेंच सामने आ गया है। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन परिसर में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए जमीन आवंटित होने के बाद अब उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज की एल्युमनी एसोसिएशन इसके विरोध में खड़ी हो गई है। इसे लेकर एल्युमनी एसोसिएशन ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन स्थानांतरित करने के आरोप लगाते हुए बुधवार से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत करने की बात कही है।
साथ ही यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर इस मामले को लेकर न्यायालय की भी शरण ली जाएगी। बुधवार दोपहर 12 बजे एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य दोपहर 12 बजे एक रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के ज्ञापन सौंपेंगे। वहीं गुरुवार शाम 4 बजे टावर चौक पर एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे। एल्युमनी एसोसिएशन उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज, उज्जैन के प्रेसिडेंट इंजी. कोमल भूतड़ा, वरिष्ठ सदस्य आदित्यनारायण व्यास, कार्यकारिणी सदस्य एवं संघर्ष समिति प्रमुख इंजी. बीसी त्रिवेदी, सदस्य राजेश चौरसी और मिलिंद हिंगोले ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा कर चरणबद्ध आंदोलन के बारे में जानकारी दी।
प्रेसिडेंट भूतड़ा ने बताया शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन हस्तांतरित करने को लेकर आपत्ति लगाई गई थी। इसका निराकरण अनुविभागीय अधिकारी कोठी महल द्वारा एल्युमनी एसोसिएशन के साथ सुनवाई किए बिना ही एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए निराकृत किया गया, जो कि न्याय के सिद्धांत के विपरीत है। संचालक, तकनीकी शिक्षा, मप्र (डीटीई) ने भी इंजीनियरिंग कॉलेज की भूमि को मेडिकल कॉलेज को स्थानांतरित करने के संबंध में स्पष्ट रूप से लिखा है कि अनापत्ति प्रदान नहीं की जाती है। इसके बावजूद प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए जमीन हस्तांतरित कर दी।
एसोसिएशन के भूतड़ा, व्यास एवं त्रिवेदी ने कहा हमारी आपत्ति को कलेक्टर उज्जैन ने नजरअंदाज कर भूमि मेडिकल कॉलेज के लिए हस्तांतरित कर दी। इसलिए हमें आंदोलन की राह पर जाना पड़ रहा है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया इंजीनियरिंग कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने के बाद अब कई नए विभागों में नए भवन और विस्तार की आवश्यकता है।
एसोसिएशन द्वारा गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए भी जमीन चिह्नित की जा चुकी है और काम शुरू हो चुका है। इसके अलावा वर्ष 2016-17 में प्राचार्य द्वारा डीटीई को इस महाविद्यालय को डीम्ड यूनिवर्सिटी में उन्नयन करने के लिए 320 करोड़ रुपए की लागत का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जा चुका है। इसके लिए इस पूरे परिसर की आवश्यकता है।