विश्वास करना चाहिए बिगड़ेल दलों को सुधारने के लिए संघ के पूर्व प्रचारक चुनाव लड़ेंगे…!
चुनाव चटखारे
कीर्ति राणा,वरिष्ठ पत्रकार
यह घोषणा ही अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि भाजपा को मजबूत करने के लिए पर्दे के पीछे रह कर काम करने वाले संघ निष्ठ कार्यकर्ता अलग पार्टी बनाने, चुनाव लड़ने का निर्णय भी ले सकते हैं।
चूंकि घोषणा कर दी है तो मानना ही पड़ेगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारकों ने अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरु कर दी है।भाजपा सरकार को चुनाव लड़ने से लेकर चुनाव जीतने तक की सलाह देने वाले इन पूर्व प्रचारकों की यह पार्टी कांग्रेस का तो समर्थन करेगी नहीं पर खुल कर भाजपा का विरोध भी कर पाएगी इसमें भी संदेह है। ऐन चुनावों से पहले ऐसे कौतुक का मर्म समझने वाले घाघ राजनीतिज्ञों का मानना है कि संघ के पूर्व प्रचारकों की यह जनहित पार्टी अपरोक्ष रूप से उन क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतार सकती है जहां भाजपा के मुकाबले कांग्रेस मजबूत है।जाहिर ये प्रत्याशी उन मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं जो भाजपा से खिन्न होने के बाद भी कांग्रेस को वोट देने से परहेज करते होंगे। ऐसे क्षेत्रों में न चाहते हुए भी संघ के पूर्व प्रचारकों की यह पार्टी भाजपा की मददगार हो जाएगी।कभी ऐसा ही सपना भाजपा-संघ के थिंक टैंक माने जाने वाले गोविंदाचार्य ने भी देखा था।आज भाजपा को, संघ को यह पता लगाने की फिक्र नहीं है कि गोविंदाचार्य कहां है।
भोपाल के मिसरोद स्थित एक निजी स्कूल में हुई कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद संघ के पूर्व प्रचारक अभय जैन ने कहा जनहित पार्टी गठन पश्चात पहली स्थापना बैठक हुई है। सभी लोगों ने अपना शपथ पत्र देकर पार्टी के गठन का प्रस्ताव कर दिया है।हम चाहेंगे कि राजनीतिक दलों को चलाने का ढर्रा चमक-दमक, खर्चीला और चुनाव जीतने का जो सिस्टम है वो मूल मुद्दों पर हो। शासन की मूल नीतियां, गवर्नेंस के साथ ही चुनाव लड़ने के तौर तरीकों में सुधार आए। उसके लिए हमारा नया दल बन रहा है।
ऐसे सुधारों की पहल नानाजी (चंडिकादास अमृतराव) देशमुख ने खुद अपने से की थी। 1977 में जब जनता पार्टी जब जनता पार्टी की सरकार बनी, और मोरारजी देसाई उन्हें अपने मन्त्रिमण्डल में शामिल कर रहे थे तो उन्होंने यह कहकर कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज सेवा का कार्य करें, मन्त्री-पद ठुकरा दिया था। नानाजी देशमुख के इस तरह के तमाम सुधारों से पार्टियों को पवित्र करने की पहल की थी किंतु भाजपा सहित अन्य दलों ने उनके सुझावों को भी नजरअंदाज कर दिया।
शिव सेना से कांग्रेस प्रेम
राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस की भले ही शिवसेना के विचारों से पटरी नहीं बैठती हो लेकिन मप्र में कमलनाथ को शिव सेना के लिए रेड कारपेट बिछाने से ऐतराज नहीं है। उनकी यह भावना तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब बेटे नकुलनाथ का संसदीय क्षेत्र से महाराष्ट्र लगा हुआ हो।कमलनाथ ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे 22 सितंबर को पांढुर्ना आमंत्रित किया है। आदित्य यहां शिवाजी चौक में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण करेंगे, जिसको लेकर विशेष तैयारी शुरू की गई है। इससे पहले 20 सितंबर को शाम 5 बजे शिवाजी प्रतिमा का नगर भ्रमण कराया जाएगा।
फिर बिगड़े बोल
बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने विवादित बयानों के चलते विवादों में आ गए हैं।अब उन्होंने वंशकार समाज को लेकर अभद्र टिप्पणी की है। धीरेंद्र शास्त्री की इस टिप्पणी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में समाजजनों ने विरोध दर्ज कराया। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर एफआईआर करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
वंशकार समाज के पदाधिकारियों का कहना है पूरे प्रदेश में वंशकार समाज की आबादी 35 लाख है।बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने जातिसूचक शब्दों का उपयोग कर समाजजनों की भावनाओं को आहत किया है। समाजजनों ने मांग की है कि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही उनके कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
त्रिपाठी का कमल गुणगान
मैहर को जिला बनाने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि आज से ही मैहर को जिला बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाती है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का श्रेय भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने कमलनाथ सरकार को दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैहर को जिला बनाने की घोषणा कांग्रेस के समय पर हुई थी।विंध्य क्षेत्र को अलग राज्य बनाने की मांग करने के साथ ही अलग पार्टी बनाने और प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाने की घोषणा कर चुके त्रिपाठी के तेवर बता रहे हैं कि वे कभी भी खुद को भाजपा से आजाद कर सकते हैं।
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