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महाकाल की शाही सवारी आज, 10 स्वरूपों में दर्शन देंगे


उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर से भादौ महीने के दूसरे सोमवार को भगवान महाकाल की शाही सवारी आज शाम 4 बजे निकाली जाएगी। बाबा महाकाल 10 स्वरूपों में दर्शन देंगे। सवारी में 10 बैंड शामिल होंगे। गणेश बैंड, भारत बैंड, रमेश बैंड, आरके बैंड, राजकमल बैंड सहित 5 अन्य बैंड भी भगवान के अलग-अलग मुखारविंद के साथ चलेंगे।

70 भजन मंडलियां भी आगे चलेंगी। सुरक्षा के लिए एक हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। 21 मार्ग पर वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। संभावित भीड़ को देखते हुए स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। शाही सवारी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे।

शाही सवारी का मार्ग भी करीब सात किलोमीटर का होगा। पूरा नगर दुल्हन की तरह सजाया गया है। शाम 4 बजे सवारी निकलकर करीब 10 बजे तक महाकाल मंदिर वापस लौटेगी।प्रशासन ने सवारी मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए अन्य शहरों से भी पुलिस बल बुलवाया है। महाकाल मंदिर में दोपहर 3.30 बजे सभा मंडप में शाही सवारी की परंपरा अनुसार भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर व मनमहेश स्वरूप का पूजन कर पालकी को रवाना किया जाएगा। मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी राजाधिराज को सलामी देगी। शाही सवारी का कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा। यहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पूजन करेंगे। शाम 6 बजे शिप्रा नदी के रामघाट पर पूजन अर्चन करेंगे।महाकाल मंदिर से सवारी प्रारंभ होकर महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होकर सवारी रामघाट पहुंचेगी। यहां से पूजन के बाद रामानुज कोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, मिर्जा नईम बेग मार्ग, तेलीवाड़ा चौराहा, कंठाल चौराहा, सतीगेट, छोटा सराफा, खड़े हनुमान, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर आएगी। यहां पूजन पश्चात सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल घाटी होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। इस दौरान करीब छह घंटे के भ्रमण के बाद रात्रि दस बजे सवारी पुन: मंदिर आती है।शाही सवारी में पहले भजन मंडलियां, कड़ा बीन, महाकाल का ध्वज, पुलिस घुड़सवार, पुलिस बैंड, चांदी की पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखौटा, रथ पर श्री जटाशंकर, श्री रुद्रेश्वर स्वरूप, श्री चन्द्रशेखर स्वरूप व श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा। सभी मुखारविंद के साथ एक-एक बैंड भी शामिल होगा।शाही सवारी में पिछले 30 साल से सेवा दे रहे भारत बैंड के संचालक फिरोज भाई ने बताया कि इस बार भी महाकाल की सवारी में भजन सुनाने का मौका मिल रहा है। अब तक फ्री ही बजाते थे, लेकिन कुछ साल से करीब 15 हजार रुपए मिलने लगे हैं। हम सवारी के लिए एक लाख रुपए से अधिक खर्च कर देते हैं। इसमें 51 आर्टिस्ट की नई ड्रेस, गाड़ी, बाहर से आए कलाकारों के लिए खाने रहने की व्यवस्था करना आदि शामिल है। भगवान महाकाल की सेवा के रूप में सवारी में शामिल हो जाते हैं। मंदिर समिति ने इन मुस्लिम बैंड संचालकों से भी बात की है। राम दरबार, महावीर, मंगलम, कृष्ण मालवा और राम दरबार बैंड भी सवारी में शामिल हो सकते हैं।कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने सवारी में छोटे बच्चे को प्रतीकात्मक स्वरूप पालकी लेकर न आने के लिए कहा है। नगर निगम को कमजोर और जर्जर मकानों की छतों और छज्जों पर लोगों को एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी दी गई। विद्युत कंपनी को बिजली व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी को बेरिकेडिंग के लिए कहा। पालकी के आसपास दो लेयर में रस्से लगाने पर विचार-विमर्श किया गया।

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