श्रीमति कलावती यादव की अध्यक्षता में निगम सम्मिलन में लिए गए अनेक निर्णय महापौर श्री मुकेश टटवाल ने दिया गौशाला पर महत्वपूर्ण कथन
उज्जैन: नगर निगम अध्यक्ष श्रीमति कलावती यादव की अध्यक्षता में आजयोजित निगम सम्मिलन कार्य सूचि के विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श उपरांत सकारात्मक निर्णय पारित किये गए। नेता प्रतिपक्ष के चाहे जाने पर महापौर श्री मुकेश टटवाल ने गौशाला विषय पर महत्वपूर्ण कथन प्रस्तुत किया।
सम्मिलन में कार्यसूचि के प्रकरणों में वार्ड क्रमांक 43 आंबापुरा कम्युनिटी हॉल देसाई नगर में संजीवनी क्लिनिक निर्माण हेतु क्षतिग्रस्त कमरे को ध्वस्त करने, नमामि गंगे योजनांतर्गत शहर की क्षिप्रा नदी में पीलियाखाल एवं भेरूगढ़ नाला से निकलने वाले दूषित जल को क्षिप्रा में मिलने से रोकने हेतु अवरोधन एवं परिवर्तन योजना कुल लागत राशि रूपये 92.78 करोड़ का अनुमोदन करने, ग्राण्ड होटल परिसर के वर्तमान जीर्णशीर्ण आवासीय भवनों/क्वाटर्स को हटाया जाकर भूमि को भूस्वामी के अधिकार पर विक्रय किये जाने, गौतम मार्ग केडी गेट से इमली तिराहा तक सड़क चौड़ीकरण कार्य का मुआवजा स्वीकृत करने, वार्ड क्रमांक 42 स्थित भक्त नगर के पास टेलीफोन ऑफिस के बगल से सेठी नगर पहुंच मार्ग का नामकरण पूर्व पार्षद स्व. श्रीमती रजनी कोटवानी के नाम से किये जाने, वार्ड क्रमांक 42 स्थित अलकापुरी का नामकरण पूर्व विधायक स्व. श्री भूरेलालजी फिरोजिया की स्मृति में उनके नाम से किये जाने के प्रस्तावों पर विचार विमर्श कर स्वीकृति प्रदान की गई।
शहर के विभिन्न स्थानों पर पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप योजना (पीपीपी) अंतर्गत विज्ञापन यूनिपोल बोर्ड एवं विज्ञापन केन्टीलीवर बोर्ड स्थापित किये जाने अंतर्गत सर्वोच्च दरों की सक्षम स्वीकृति के प्रस्ताव को सुझावों के साथ सदन में प्रस्तुत करने हेतु अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव द्वारा एक समिति की घोषणा की। समिति सदस्यों द्वारा सदन में ही अपने सुझाव प्रस्तुत किए गए एवं अधि. अध्यक्ष श्री रामेश्वर दुबे द्वारा प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई।
सफाई कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से उनके स्थान पर पूर्वानुसार परंपरागत नियुक्ति किये जाने के संबंध में प्रकरण को मूलतः एमआईसी में भेजने एवं शांति पैलेस चौराहे का नामकरण भगवान श्री परशुराम के नाम से करने के प्रस्ताव को निगम आयुक्त के परीक्षण उपरांत एमआईसी को स्पष्ट मत के साथ प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।
महापौर कथन
सम्मेलन के दौरान नेता प्रतिपक्ष श्री रवि राय के एक पत्र के क्रम में अपने कथन प्रस्तुत करते हुए महापौर श्री मुकेश टटवाल ने कहा कि उज्जैन नगर पालिक निगम कपिला गौशाला का संचालन सफलता पूर्वक कर रही है। गौशाला में पशुओं के लिए और अधिक शेड निर्माण, गोबर से गोबर गैस प्लांट एवं अन्य उपयोग में लाये जाने की कार्य योजना के साथ ही गौशाला संचालन धार्मिक एवं सामाजिक संस्था के माध्यम से किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
महापौर ने कहा कि गौशाला मंे लगभग 1100 गौवंश की देखरेख की जा रही है जो गौशाला की क्षमता से अधिक है, आहार के रूप में प्रतिदिन प्रति गौवंश गेंहू का भूसा, हरा चारा, सुदाना पशु आहार मानको के अनुसार दिया जाता है। गौशाला में पशु आहार संग्रहित करने हेतु कक्ष निर्मित है जिससे एक माह के आहार की पूर्ति की जा सकती है।
गौशाला में आवारा मवेशी अभियान के तहत गायें लायी जाकर उनकी देखरेख की जाती है। पशु मालिकों द्वारा निर्धारित दाण्डिक शुल्क का भुगतान करने पर उनकी गायों को उन्हें सौंप दिया जाता है। गौशाला में लाई गई अधिकांश गायें मालिकों द्वारा चरने हेतु खुले में छोड़ दी जाती हैं जिससे इन गायों द्वारा हरे चारे के अतिरिक्त शहरी कचरे को भी आहार के रूप में ग्रहण किया जाता है। शहरी कचरे में प्लास्टिक की पॉलीथीन एवं अन्य हानीकारक पदार्थ होने एवं आहार के रूप में इनके द्वारा ग्रहण करने से गायों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः स्वाभाविक रूप से गौशाला में लाई गई अधिकतर गायें सेहत की दृष्टि से स्वस्थ नहीं भी होती हैं।
गौशाला में बीमार गायों का उपचार पशुपालन विभाग द्वारा नियुक्त पशु चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। उपसंचालक पशुपालन विभाग द्वारा पशु चिकित्सक एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को कपिला गौशाला में आश्रित गौवंश के उपचार आदि की आवश्यकता होने पर उपस्थित होने हेतु आदेशित किया गया है।
गायों का प्राथमिक उपचार श्री जगदीश पंचारिया द्वारा किया जाता है। इनके पास संचालनालय पशु चिकित्सा सेवा मध्यप्रदेश से गौ-सेवक का प्रमाण-पत्र, संचालनालय, पशु चिकित्सा सेवा का मैत्री प्रमाण पत्र जिसमें कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षा शामिल है, की योग्यताएँ हैं। इनके द्वारा पशु चिकित्सों के निर्देशन में गौशाला में गौवंश का प्राथमिक उपचार किया जाता है। मेडिसिन एवं सर्जिकल सामग्री पशुपालन विभाग से नियुक्त पशु चिकित्सों द्वारा उपचार के समय साथ में लाई जाती है। विशेष परिस्थितियों में पशु चिक्सिकों द्वारा मांग करने पर निगम मद से लगभग 2 से 3 लाख की सीमा में वार्षिक व्यय किया जाता है। तथा दवाईयों के भाव आमंत्रित कर दवाईयों क्रय की जाने की कार्यवाही की जाती है।
गौशाला में 22 श्रमिक व 03 सुरक्षाकर्मी तीन शिफ्ट में कार्यरत हैं जो कि एक सुपरवाईजर, एक गौशाला प्रभारी अधिकारी, एक नोडल अधिकारी, तथा एक सहायक आयुक्त के अधीन कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त गौशाला में एक गौ-सेवक भी कार्यरत है।
मृत गायों के शवों का निराकरण निगम द्वारा नियुक्त ठेकेदार के माध्यम से किया जाता है।
महापौर के रूप में कार्यग्रहण करने के कुछ ही दिनों के भीतर कपिला गौशाला का निरीक्षण कर वहाँ की व्यवस्थाएँ जानीं थीं। यह स्वीकार करना होगा कि कपिला गौशाला में क्षमता के मान से वहाँ पर आश्रित गौवंश की संख्या काफी अधिक है।
मध्यप्रदेश गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल में कपिला गौशाला का पंजीयन किया जा चुका है, जिसके तहत मध्यप्रदेश गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड से कपिला गौशाला में गौवंश की संख्या के मान से भूसे हेतु अनुदान प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
कपिला गौशाला में से 600 गौवंशों को गौ-अभ्यारण अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र सालरीया तह सुसनेर जिला आगर मालवा में रखने हेतु भी कलेक्टर, जिला आगर मालवा से पत्राचार किया गया है।
सम्मिलन 12 सितम्बर तक स्थगीत
निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव ने निगम सम्मिलन को 12 सितम्बर प्रातः 11.30 बजे तक के लिये स्थगीत किया गया है।
सम्मिलन में कार्यसूचि के प्रकरणों में वार्ड क्रमांक 43 आंबापुरा कम्युनिटी हॉल देसाई नगर में संजीवनी क्लिनिक निर्माण हेतु क्षतिग्रस्त कमरे को ध्वस्त करने, नमामि गंगे योजनांतर्गत शहर की क्षिप्रा नदी में पीलियाखाल एवं भेरूगढ़ नाला से निकलने वाले दूषित जल को क्षिप्रा में मिलने से रोकने हेतु अवरोधन एवं परिवर्तन योजना कुल लागत राशि रूपये 92.78 करोड़ का अनुमोदन करने, ग्राण्ड होटल परिसर के वर्तमान जीर्णशीर्ण आवासीय भवनों/क्वाटर्स को हटाया जाकर भूमि को भूस्वामी के अधिकार पर विक्रय किये जाने, गौतम मार्ग केडी गेट से इमली तिराहा तक सड़क चौड़ीकरण कार्य का मुआवजा स्वीकृत करने, वार्ड क्रमांक 42 स्थित भक्त नगर के पास टेलीफोन ऑफिस के बगल से सेठी नगर पहुंच मार्ग का नामकरण पूर्व पार्षद स्व. श्रीमती रजनी कोटवानी के नाम से किये जाने, वार्ड क्रमांक 42 स्थित अलकापुरी का नामकरण पूर्व विधायक स्व. श्री भूरेलालजी फिरोजिया की स्मृति में उनके नाम से किये जाने के प्रस्तावों पर विचार विमर्श कर स्वीकृति प्रदान की गई।
शहर के विभिन्न स्थानों पर पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप योजना (पीपीपी) अंतर्गत विज्ञापन यूनिपोल बोर्ड एवं विज्ञापन केन्टीलीवर बोर्ड स्थापित किये जाने अंतर्गत सर्वोच्च दरों की सक्षम स्वीकृति के प्रस्ताव को सुझावों के साथ सदन में प्रस्तुत करने हेतु अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव द्वारा एक समिति की घोषणा की। समिति सदस्यों द्वारा सदन में ही अपने सुझाव प्रस्तुत किए गए एवं अधि. अध्यक्ष श्री रामेश्वर दुबे द्वारा प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई।
सफाई कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से उनके स्थान पर पूर्वानुसार परंपरागत नियुक्ति किये जाने के संबंध में प्रकरण को मूलतः एमआईसी में भेजने एवं शांति पैलेस चौराहे का नामकरण भगवान श्री परशुराम के नाम से करने के प्रस्ताव को निगम आयुक्त के परीक्षण उपरांत एमआईसी को स्पष्ट मत के साथ प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।
महापौर कथन
सम्मेलन के दौरान नेता प्रतिपक्ष श्री रवि राय के एक पत्र के क्रम में अपने कथन प्रस्तुत करते हुए महापौर श्री मुकेश टटवाल ने कहा कि उज्जैन नगर पालिक निगम कपिला गौशाला का संचालन सफलता पूर्वक कर रही है। गौशाला में पशुओं के लिए और अधिक शेड निर्माण, गोबर से गोबर गैस प्लांट एवं अन्य उपयोग में लाये जाने की कार्य योजना के साथ ही गौशाला संचालन धार्मिक एवं सामाजिक संस्था के माध्यम से किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
महापौर ने कहा कि गौशाला मंे लगभग 1100 गौवंश की देखरेख की जा रही है जो गौशाला की क्षमता से अधिक है, आहार के रूप में प्रतिदिन प्रति गौवंश गेंहू का भूसा, हरा चारा, सुदाना पशु आहार मानको के अनुसार दिया जाता है। गौशाला में पशु आहार संग्रहित करने हेतु कक्ष निर्मित है जिससे एक माह के आहार की पूर्ति की जा सकती है।
गौशाला में आवारा मवेशी अभियान के तहत गायें लायी जाकर उनकी देखरेख की जाती है। पशु मालिकों द्वारा निर्धारित दाण्डिक शुल्क का भुगतान करने पर उनकी गायों को उन्हें सौंप दिया जाता है। गौशाला में लाई गई अधिकांश गायें मालिकों द्वारा चरने हेतु खुले में छोड़ दी जाती हैं जिससे इन गायों द्वारा हरे चारे के अतिरिक्त शहरी कचरे को भी आहार के रूप में ग्रहण किया जाता है। शहरी कचरे में प्लास्टिक की पॉलीथीन एवं अन्य हानीकारक पदार्थ होने एवं आहार के रूप में इनके द्वारा ग्रहण करने से गायों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः स्वाभाविक रूप से गौशाला में लाई गई अधिकतर गायें सेहत की दृष्टि से स्वस्थ नहीं भी होती हैं।
गौशाला में बीमार गायों का उपचार पशुपालन विभाग द्वारा नियुक्त पशु चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। उपसंचालक पशुपालन विभाग द्वारा पशु चिकित्सक एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को कपिला गौशाला में आश्रित गौवंश के उपचार आदि की आवश्यकता होने पर उपस्थित होने हेतु आदेशित किया गया है।
गायों का प्राथमिक उपचार श्री जगदीश पंचारिया द्वारा किया जाता है। इनके पास संचालनालय पशु चिकित्सा सेवा मध्यप्रदेश से गौ-सेवक का प्रमाण-पत्र, संचालनालय, पशु चिकित्सा सेवा का मैत्री प्रमाण पत्र जिसमें कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षा शामिल है, की योग्यताएँ हैं। इनके द्वारा पशु चिकित्सों के निर्देशन में गौशाला में गौवंश का प्राथमिक उपचार किया जाता है। मेडिसिन एवं सर्जिकल सामग्री पशुपालन विभाग से नियुक्त पशु चिकित्सों द्वारा उपचार के समय साथ में लाई जाती है। विशेष परिस्थितियों में पशु चिक्सिकों द्वारा मांग करने पर निगम मद से लगभग 2 से 3 लाख की सीमा में वार्षिक व्यय किया जाता है। तथा दवाईयों के भाव आमंत्रित कर दवाईयों क्रय की जाने की कार्यवाही की जाती है।
गौशाला में 22 श्रमिक व 03 सुरक्षाकर्मी तीन शिफ्ट में कार्यरत हैं जो कि एक सुपरवाईजर, एक गौशाला प्रभारी अधिकारी, एक नोडल अधिकारी, तथा एक सहायक आयुक्त के अधीन कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त गौशाला में एक गौ-सेवक भी कार्यरत है।
मृत गायों के शवों का निराकरण निगम द्वारा नियुक्त ठेकेदार के माध्यम से किया जाता है।
महापौर के रूप में कार्यग्रहण करने के कुछ ही दिनों के भीतर कपिला गौशाला का निरीक्षण कर वहाँ की व्यवस्थाएँ जानीं थीं। यह स्वीकार करना होगा कि कपिला गौशाला में क्षमता के मान से वहाँ पर आश्रित गौवंश की संख्या काफी अधिक है।
मध्यप्रदेश गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल में कपिला गौशाला का पंजीयन किया जा चुका है, जिसके तहत मध्यप्रदेश गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड से कपिला गौशाला में गौवंश की संख्या के मान से भूसे हेतु अनुदान प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
कपिला गौशाला में से 600 गौवंशों को गौ-अभ्यारण अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र सालरीया तह सुसनेर जिला आगर मालवा में रखने हेतु भी कलेक्टर, जिला आगर मालवा से पत्राचार किया गया है।
सम्मिलन 12 सितम्बर तक स्थगीत
निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव ने निगम सम्मिलन को 12 सितम्बर प्रातः 11.30 बजे तक के लिये स्थगीत किया गया है।