उज्जैन में कार्यशाला और सम्मान समारोह
उज्जैन। मप्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के दो वर्ष पूर्ण होने पर 9 सितम्बर को उज्जैन में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला तथा सम्मान समारोह आयोजित किया गया है। विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति, वरिष्ठ शिक्षाविद भाग लेंगे। इस अवसर पर इसरो के स्पेस साइंटिस्ट रवि वर्मा विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे।
विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को देश में लागू करने के साथ मप्र में क्रियान्वयन किया गया है। इस वर्ष तृतीय वर्ष का पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। कार्यशाला में प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलपति, टास्क फोर्स के सदस्य, समस्त शासकीय महाविद्यालयों के एनईपी नोडल अधिकारियों तथा जिले में मनोनीत एनईपी एम्बेसडर प्राध्यापक भाग लेंगे। कार्यक्रम में शिक्षा संगठनों के चयनित सदस्य तथा उच्च शिक्षा परिषद के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है।
साइंटिस्ट वर्मा विद्यार्थियों से संवाद करेंगे
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ यादव ने बताया कि इसरो के स्पेस साइंटिस्ट रवि वर्मा विद्यार्थियों को संबोधित करने के साथ ही संवाद भी करेंगे। कार्यक्रम का प्रदेश के सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में प्रसारण होगा। साइंटिस्ट वर्मा अहमदाबाद में स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में वरिष्ठ वैज्ञानिक है और चंद्रयान-3 सहित, चंद्रयान-2, पीएसएलवी, जीएसलेवी जैसी कई परियोजनाओं पर कार्य कर चुके हैं। कार्यक्रम में मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ अनिल कोठारी भी उपस्थित रहेंगे।
मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान होगा
कार्यक्रम में संभाग से एक-एक शिक्षक सम्मानित होगें। वहीं वर्ष 2022 में आयोजित प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने के साथ ही विभिन्न विश्वविद्यालय में इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए चयनित विद्यार्थियों को सीड मनी वितरित की जाएगी। नैक मूल्यांकन में ए++ और ए + विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को प्रशस्ति पत्र देंगे। उज्जैन शहर के सभी शासकीय-अशासकीय विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालयों के मेधावी विद्यार्थी सम्मानित होंगे। मप्र हिन्दी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित 'नंदी घोष पुस्तक का विमोचन होगा। साथ ही प्रदर्शनी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर तैयार पाठ्यक्रम को प्रस्तुत किया जाएगा।