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Home - उज्जैन << खेल मैदानों का निरन्तर विकास कार्य जारी -उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रेक का लोकार्पण एवं मल्टीपर्पस इनडोर स्टेडियम का भूमिपूजन सम्पन्न

खेल मैदानों का निरन्तर विकास कार्य जारी -उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रेक का लोकार्पण एवं मल्टीपर्पस इनडोर स्टेडियम का भूमिपूजन सम्पन्न


उज्जैन 29 अगस्त। कर्नाटक राज्य के राज्यपाल श्री थावरचंद गेहलोत के मुख्य आतिथ्य एवं
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार 29 अगस्त को स्व.राजमाता विजयाराजे
सिंधिया खेल परिसर नानाखेड़ा उज्जैन में स्थित नवनिर्मित सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रेक का लोकार्पण
एवं मल्टीपर्पस इनडोर स्टेडियम का भूमिपूजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल
श्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि सरकार खेलों में बढ़ावा देने का हरसंभव प्रयास कर रही है और
भारत सरकार ने खेलों के विकास में राशि की वृद्धि की है। खेलों में बच्चे अपनी रूचि दिखायें। बच्चे
मोबाइल पर ज्यादा ध्यान न देकर खेल के प्रति अपना रूझान बढ़ायें, ताकि बल-बुद्धि में वृद्धि हो
और तन स्वस्थ रह सके।
राज्यपाल श्री थावरचंद गेहलोत ने खेलो इंडिया योजना अन्तर्गत स्व.राजमाता सिंधिया
स्टेडियम में सात करोड़ रुपये की लागत से सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रेक के निर्माण की खिलाड़ियों को
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेलों की गतिविधियां निरन्तर आगे बढ़ती रहे, इस
पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार प्रयास कर रही है। खेल में प्रोत्साहित कर हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय,
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लेकर आयें, इस पर सरकार का मुख्य लक्ष्य है। सरकार खेलों पर ज्यादा
बढ़ावा दे रही है। खिलाड़ियों के लिये अच्छे ग्राउण्ड बनाये जा रहे हैं, ताकि खिलाड़ी अपने खेल में
आगे बढ़ सकें। हमारे जनप्रतिनिधि भी सक्रिय रहकर विकास के कार्य निरन्तर करवा रहे हैं। उन्होंने
हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद पर भी प्रकाश डाला। मेजर ध्यानचंद ने हमारे देश को हॉकी में वर्ल्ड
कप दिलाया है, जो प्रशंसनीय है। उन्हें हॉकी का जादू खिलाड़ी कहते थे। राज्यपाल श्री गेहलोत ने
खिलाड़ियों से आव्हान किया कि वे अच्छी खेल भावना के साथ अपनी-अपनी विधाओं में आगे बढ़ें।
अभिभावक अपने बच्चों को रूचि अनुसार बच्चों को खेलों के लिये प्रेरित करें। खेल मैदान में कहीं
कमी हो तो जनप्रतिनिधि उन्हें जरूर बतायें, ताकि खेल विकास में और वृद्धि की जा सके।

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