उज्जैन में दो सांड की लड़ाई में साइकिल सवार का निकला कचुंबर
उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में सड़क पर विचरण करने वाले मवेशियों से जनता इस प्रकार से परेशान हो चुकी है कि आज अगर सर्वे कर लिया जाए तो लोगों का कहना यह होगा कि हमें शहर की सड़कें मवेशियों से मुक्ति चाहिए हाल ही में 25 अगस्त की रात करीब 10 बजे वार्ड क्रमांक 17 में स्थित सांदीपनी नगर का एक वीडियो वायरल हो रहा है,,जिसमें दो सांड के बीच जमकर लड़ाई हुई और इसी दौरान एक राहगीर साइकिल से गुजर रहा था,,दौड़ते हुए सांड आए और साइकिल सवार में जा घुसे, बताया जा रहा है कि साइकिल चालक को गंभीर चोट आई है
ऐसे में मोहल्ले में घरों के बाहर खेलते बच्चे या प्रेग्नेंट महिलाएं इन मवेशियों के चंगुल में आ जाए तो निश्चित रूप से जान मान की हानि तक होना संभव है,इस स्थिति में आखिर जिम्मेदार कौन होगा,,आप तो छत्री चौक वाली घटना की तर्ज पर मुआवजा,सरकारी नौकरी आदि का प्रलोभन देकर मामला ठंडा करने की बरसों पुरानी तरकीब तैयार करके बैठे ही रहते हैं,,वैसे हम जिम्मेदारों को बता दें कि नंबर वन की चाहत रखना अच्छी बात है परंतु जमीनी हकीकत पर भी काम करना होगा,,यही जानता है जिसका सकारात्मक फीडबैक के लिए आप तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं,,परंतु जमीन पर अगर काम नहीं दिखेगा तो सकारात्मक फीडबैक आना मुश्किल होगा,समय रहते जिम्मेदारों को जागना जरूरी है पहले भी हम लिख चुके हैं कि शहर में प्रति परिवार दो गोवंश पालन हेतु नियमावली बनाकर लागू करनी होगी जिससे यह समस्या तक हल हो जाएगी,,क्योंकि अभी भी नया शहर में तो कम पर पुराने शहर में ज्यादातर पशु बाड़े हैं जहां पर 30 40 तक की संख्या में एक परिवार पालन कर रहा है यही वजह शहर के लिए समस्या बनी हुई है,,पशु बाड़े के खिलाफ निगम आयुक्त ने सख्त निर्देश दे रखे हैं परंतु जमीनी टीम ने सब मैनेज कर रखा है इसका ताजा उदाहरण हाल ही में निगम आयुक्त के दौरान दौरे केदौरान एक पशु बाड़ा नजर आया था जिस पर आयुक्त ने संबंधित को फोन लगाकर कहा था कि आप आखिर किस प्रकार की कार्रवाई कर रहे हैं,, यह अवैध बाड़ा कैसे संचालित हो रहा है,,इस पर तुरंत निगम की टीम ने एक्शन लेकर वहां से गोवंश को कपिला गौशाला छुड़वाए थे,परंतु कपिला गौशाला की स्थिति भी जग जाहिर है आप तो प्रति गो पालक परिवार दो गोवंश वाला फार्मूला पर कम करें,,यही फिलहाल एकमात्र विकल्प है,,क्योंकि हम सीधे तौर पर गोवंश के पालन की इच्छा रखने वाले को शहर में प्रतिबंधित नहीं कर सकते हैं,,क्योंकि आज भी शहर में गाय से ज्यादा कुत्ते पाले जाते हैं,ऐसे में एक परिवार दो गो वंश वाला फार्मूला कारगर साबित होगा,,देखते हैं जिम्मेदार इस खबर को कितनी गंभीरता से लेते हैं