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कजलास के आंगनबाड़ी भवन में सरपंच ने भरी प्याज इसलिए कार्यकर्ता घर से ही कर रही संचालित


बच्चों को आरंभिक शिक्षा देने और गांवों और शहर के वार्डों में स्वास्थ्य सेवाओं, गर्भवती-धात्री महिलाओं और छोटे-छोटे बच्चों को पोषण आहार देने के लिए गांवों में आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं। इनका उद्देश्य में गर्भवती महिलाओं और शिशुओं का गांव में ही टीकाकरण करना और समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच करना है। साथ ही बच्चों का मानसिक विकास करना भी है जिससे वह प्राथमिक स्कूल में और बेहतर तरीके से शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को खेल-खेल में अनौपचारिक शिक्षा दी जाती हैं। बच्चों को प्राकृतिक संसाधनों जैसे -जल, जंगल, जानवर, इत्यादि के बारे में प्रारंभिक ज्ञान से अवगत कराया जाता है, लेकिन कई गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों की हालात खराब हो रही है।

कजलास गांव में आंगनबाड़ी भवन में संरपंच की दबंगई के चलते प्याज भरी हुई है, जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा अपने घर पर आंगनबाड़ी का संचालन किया जा रहा है। वहीं कुरावर गांव में आंगनबाड़ी परिसर के सामने कचरा डाला जा रहा है, जिससे आंगनबाड़ी में अच्छे स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए आने वाले बच्चों पर बीमारियों का खतरा बना हुआ है। क्या कहते हैं जिम्मेदार: इस संबंध में जब परियोजना अधिकारी रामनाथ धुर्वे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं इन केंद्रों का शीघ्र ही निरीक्षण करूंगा। अगर, आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित कराने में कोई भी कमी मिलती है तो उचित कार्रवाई भी की जाएगी। क्या कहते हैं जिम्मेदार: इस मामले में सुपरवाइजर रीना सिंह ने बताया कि कजलास की कार्यकर्ता को कैंसर हो गया है। वह 15 दिन से मेडिकल पर है तथा सहायिका आंगनबाड़ी केंद्र चला रही है। भवन के अंदर बैठे हुए बच्चों के फोटो फोन पर बुला लेते हैं। मैंने उस भवन को आज तक नहीं देखा है, लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा बनाए गए भवन में ही आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता होगा।

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