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महाकाल लोक बनने के बाद रोज औसतन डेढ़ लाख भक्त


महाकाल लोक बनने के बाद से उज्जैन में श्रद्धालुओ की बाढ़ सी आ गई है। महाकाल लोक बने 10 महीने हुए हैं। पिछले छह महीने से यहां रोज औसतन 1.50 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रावण में तो रोज करीब साढ़े तीन लाख लोगों ने महाकाल भगवान के दर्शन किए। पिछले साल तक 20 हजार लोग रोज आते थे। सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।

होटल, खानपान, प्रॉपर्टी, यातायात तीन गुने हो गए हैं। चार जुलाई से महाकाल मंदिर में गिनती करने वाले कैमरे लगे हैं। तब से 23 अगस्त तक 51 दिन में कुल पौने दो करोड़ लोगों ने दर्शन किए। यानी श्रावण व अधिकमास में औसतन रोज 3.5 लाख भक्त दर्शन करने पहुंचे। देश के बाकी मंदिरों में औसत एक लाख तक है। उज्जैन में महाकाल लोक से खंडवा के ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर जाने वालों की संख्या तीन से चार गुना हो गई है। दूसरे राज्यों से उज्जैन आने वालों में से ज्यादातर ओंकारेश्वर दर्शन के लिए जाते ही हैं। ओंकारेश्वर में दर्शन करने वालों की औसत रोज संख्या पहले 10 से 12 हजार तक थी। अब बढ़कर 40 से 50 हजार तक हो गई है।

साल में 3000 करोड़ रुपए आएंगे : कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया हर महीने करीब 50 लाख लोग आ रहे हैं। सभी रुकते नहीं लेकिन प्रसाद, दान, भोजन-नाश्ता, ऑटो-टैक्सी व अन्य फुटकर खर्च तो करते हैं। व्यापारियों से बात की है तो प्रत्येक व्यक्ति पर यह खर्च कम से कम 500 रुपये होता है। यानी 250 करोड़ रुपए हर महीने तो छोटे व्यवसायियों की जेब में आ रहे हैं। पूरे साल में ये राशि 3000 करोड़ होगी। दूसरे राज्यों से उज्जैन आने वालों में से ज्यादातर ओंकारेश्वर दर्शन के लिए जाते ही हैं। ओंकारेश्वर में दर्शन करने वालों की औसत रोज संख्या पहले 10 से 12 हजार तक थी। अब बढ़कर 40 से 50 हजार तक हो गई है।

साल में 3000 करोड़ रुपए आएंगे

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया हर महीने करीब 50 लाख लोग आ रहे हैं। सभी रुकते नहीं लेकिन प्रसाद, दान, भोजन-नाश्ता, ऑटो-टैक्सी व अन्य फुटकर खर्च तो करते हैं। व्यापारियों से बात की है तो प्रत्येक व्यक्ति पर यह खर्च कम से कम 500 रुपये होता है। यानी 250 करोड़ रुपए हर महीने तो छोटे व्यवसायियों की जेब में आ रहे हैं। पूरे साल में ये राशि 3000 करोड़ होगी।

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