उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने चिन्तामन गणेश मन्दिर में नवनिर्मित विकास कार्यों का लोकार्पण किया
उज्जैन 23 अगस्त। उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र निरन्तर विकास की ओर अग्रसर है। क्षेत्र
में कई विकास कार्य हुए हैं और निरन्तर विकास के कार्य होने वाले हैं एवं हो रहे हैं। सनातन संस्कृति
को आगे बढ़ाना और हमारे देवस्थानों में विकास के कार्य करना चाहिये। मन्दिर के गर्भगृह में भगवान
का घर है। बाकी मन्दिर परिसर का विस्तार होना और मन्दिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सुकून
मिले, ऐसे कार्य किये जाना चाहिये, ताकि इसका आनन्द भक्तों को मिले। सबके जीवन में आनन्द
हो, इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को अच्छे काम करना चाहिये। किसी का बुरा न करें। हमारे देश की
संस्कृति एवं उसकी अस्मिता को बचाये रखने में हम सबकी भूमिका होना चाहिये। परमात्मा सबके
अन्दर है, इसलिये हम अच्छा काम कर अपने जीवन का आनन्द लें।
इस आशय के विचार उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने चिन्तामन गणेश मन्दिर परिसर में
एक करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से शादी के लिये सभा मंडप, पाथवे, कवर्ड, अनकवर्ड, धर्मशाला,
विवाह शेड एवं शौचालय आदि के निर्माण कार्यों का लोकार्पण कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा
कि विकास के दरवाजे निरन्तर खुल रहे हैं। क्षेत्र में ऐसा कोई ग्राम न है जो सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा
है। क्षेत्र में आने वाले समय में नर्मदा का पानी भी शीघ्र पाईप लाइन के माध्यम से आयेगा।
चिन्तामन गणेश मन्दिर के समीप ही महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान है, जहां देश के
कोने-कोने के बच्चे वेद की पढ़ाई के लिये आ रहे हैं। उक्त प्रतिष्ठान के द्वारा वेद के पठन-पाठन के
छात्रों को छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराई जा रही है। चिन्तामन गणेश मन्दिर परिसर में विविध विकास
के कार्य से मन्दिर में दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। विकास कार्यों के लिये
क्षेत्रवासियों को बहुत-बहुत हार्दिक बधाई दी। इसके बाद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने नवनिर्मित
प्रशासनिक कार्यालय सहित अन्य कार्यों का फीता काटकर विधिवत लोकार्पण किया। कार्यक्रम में
निर्माण एजेन्सी पीजी कंस्ट्रक्शन के श्री प्रभात गुप्ता, श्री अचल गुप्ता का उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव
ने पुष्पहारों से अच्छे काम करने के लिये सम्मान किया। लोकार्पण कार्यक्रम के प्रारम्भ में उच्च शिक्षा
मंत्री डॉ.यादव ने भगवान श्री गणेशजी का पूजन-अर्चन कर देवदर्शन किये।